सावन मास में शिव जी के साथ शिव परिवार की पूजा करने का विधान है। यदि शिवजी की पूजा के साथ देवी पार्वती, पुत्र गणेश और कार्तिक की पूजा की जाए तो मनुष्य को विशेष पुण्यलाभ की प्राप्ति होती है। इसलिए सावन मास में सोमवार के अलावा मंगलवार को देवी पार्वती और बुधवार को गणपति जी की पूजा जरूर करना चाहिए। सावन मास में देवी पार्वती ने शिवजी को पाने के लिए कठोर तप किया था और प्रसन्न होकर शिवजी ने देवी पार्वती से विवाह किया था। यही कारण है कि गणपति जी को भी सावन मास विशेष प्रिय है। सावन के प्रत्येक बुधवार को गणपति जी की पूजा के साथ यदि पांच विशेष उपाय कर लिये जाएं तो मनुष्य पर शिव परिवार की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
ऐसे करें सावन मास में गणपति जी की पूजा
भगवान गणेश को सावन मास में बुधवार के दिन दूर्वा और लाल पुष्प चढ़ाएं। इसके बाद उनकी आरती करें और गणेश चालीसा का पाठ करें। इसके बाद भगवान को गुड़ और धनिया का भोग लगाएं। इसके अलावा बेसन के लड्डू को भी प्रसाद में चढ़ाएं। पूजा- अर्चना के बाद हरे रंग की चीजें दान में दें। जैसे हरी मूंग की दाल, हरे वस्त्र आदि। गाय को हरा चारा खिलाना भी बेहद पुण्यदायी होता है।
बुधवार के दिन जरूर करें ये पांच उपाय, मिलेगा सौभाग्य
गणेश जी के इस मंत्र का जरूर करें जाप
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:' मंत्र का 108 बार जाप करें।
सावन मास में गणपति जी की ऐसे पूजा करने से आपके जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होंगी और कार्य सफल होंगे।
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