आज सोमवार को यानी 14 दिसंबर को सोमवती अमावस्या है। सभी अमावस्या में सोमवती अमावास्या को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। सोमवार चंददेव का दिन होता है और इस दिन यदि अमावस्या पड़े तो इसे बहुत ही पुण्यकारी माना जाता है। सोमवती अमावस्या पर समस्याओं से मुक्ति के लिए उपाय भी करने चाहिए। मान्यता है कि अमावस्या के दिन दान-पुण्य के साथ यदि पितृदेव की पूजा की जाए तो इससे पूरे परिवार को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन देव और पितृ दोनों की पूजा करनी चाहिए। तो आइए जानें कि सोमवती अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए।
सोमवती अमावस्या पर क्या करें ये काम
अमावस्या के दिन पवित्र नदि में स्नान करें और यदि नदी में स्नान न कर सकें तो इस दिन स्नान के पानी में गंगाजल मिला लें। स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और अपने पितरों के निमित्त दोपहर के समय दक्षिण दिशा में मुख कर जल अर्पित करें।
स्नान के बाद दान जरूर करें। अमावस्या पर गर्म और ऊनी वस्त्र का दान करें और जरूरमंदों को अनाज आदि भी दें। अन्न और वस्त्र दान के बराबर कोई और दान नहीं होता है ।
सोमवती अमावस्या पर तुलसी का पूजन करना चाहिए और शाम के समय दीपदान भी।
इस दिन पीपल के पेड़ में जल देने के साथ शाम के समय दीपदान जरूर करें।
सोमवार क्योंकि भगवान शिव का दिन भी है इसलिए इस दिन शिवजी की पूजा के साथ ‘ऊं’ का जाप भी करें।
सोमवती अमावस्या के दिन दक्षिणवर्ती शंख की पूजा जरूर करें।
सोमवती अमावस्या के दिन न करें ये काम
किसी भी अमावस्या के दिन विशेष कर रात के समय श्मशान घाट पर जाना निषेध है, क्योंकि अमावस्या पर नकारात्क शक्तियां जागृत होती हैं और वे आसानी से मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाती हैं।
सोमवती अमावस्या के दिनसूर्योदय से पूर्व या सूर्योदय के साथ ही उठना चाहिए। इस दिन देर तक सोना बिलुकल मना है।
अमावस्या के दिन ब्रहमचर्य का पालन करना चाहिए और भूल कर भी इस दिन संबंध न बनाएं।
अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करनी चाहिए, लेकिन इसे छूना मना होता है। पीपल शरीर में कहीं भी छूना नहीं चाहिए।
अमावस्या के दिन तामसिक भोजन करने से बचें। मांसाहारी खान से इस दिन परहेज़ रखना चाहिए और इस दिन बाल काटने, दाढ़ी बनाने या नाखून काटने की भी मनाही होती है।
अमावस्या पर उपरोक्त बताई गईं बातों का अवश्य ध्यान दें और नियमों का पालन करें।
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