क्या आप जानते हैं लोहड़ी में रेवड़ी और मूंगफली को आग में क्यों डाला जाता है?

लोहड़ी का त्यौहार फसल कटाई की खुशी में मनाया जाता है। लोहड़ी में रेवड़ी और मूंगफली डालकर अग्निदेव को प्रसन्न किया जाता है और यह परंपरा चली आ रही है।

why Revadi and mungfali are put in Lohri in fire?
इस पर्व में मूंगफली, रेवड़ी और मूंगफली खाने,खिलाने और लोगों को प्रसाद देने की परंपरा भी है। (तस्वीर के लिए साभार- iStock images) 
मुख्य बातें
  • लोहड़ी में रेवड़ी और मूंगफली डालने का काफी महत्व है
  • लोहड़ी में रेवड़ी और मूंगफली अर्पित करने की है परंपरा
  • अग्नि देव को किया जाता है अर्पित

नई दिल्ली: हर साल 13 जनवरी को लोहड़ी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व को  पंजाब, हरियाणा और हिमाचल समेत पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार में कई परंपराएं हैं जो काफी समय से चली आ रही है। इस पर्व में मूंगफली, रेवड़ी और मूंगफली खाने,खिलाने और लोगों को प्रसाद देने की परंपरा भी है। लोहड़ी को किसानों के प्रमुख पर्व के रुप में शुमार किया जाता है। 

फसल मिलने के बाद मनाए जाने वाले पर्व में अग्नि देवता को किसान प्रसन्न करने के लिए लोहड़ी जलाते हैं और उसकी परिक्रमा भी करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से दुखों का अंत होता है और परिवार में सुख-समृद्धि और खुशियां आती हैं। शाम के वक्त लोहड़ी जलाने और नाच-गाने की परंपरा भी है।

लोग शाम में सबसे पहले आग में रेवड़ी व मूंगफली डालते हैं। जलती हुई लोहड़ी में गजक और रेवड़ी को डालने की परंपरा है जिसे बेहद शुभ माना गया है। 

लोहड़ी के त्यौहार को पूरे भारत में अलग-अलग नाम से पूकारा जाता है। फसल की पहली कटाई की खुशी में लोहड़ी मनाई जाती है। लोहड़ी के रात पौष माह की आखिरी रात होती है। इस रात लोहड़ी जलाई जाती है और आग में मूंगफली, रेवड़ी, पॉपकॉर्न डाला जाता है। जब आग जल रही होती है तब लोग अग्निदेव की पूजा करते हैं और जल रही लोहड़ी की परिक्रमा करते हैं।

आग जलने के दौरान मां अपने बच्चे को लेकर आग तापती हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से बच्चे बुरी नजर से बचते हैं और स्वस्थ रहते हैं। इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और लोकगीत के ताल पर लोग थिरकते हैं। लोहड़ी के त्यौहार के दिन खूब मस्ती का माहौल होता है। नवविवाहितों के लिए यह त्यौहार बहुत खास माना जाता है, लोहड़ी जलने के दौरान नवविवाहित घर के बड़े-बुजुर्गों से आशिर्वाद लेते हैं।

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, अग्निदेव को प्रसन्न करना बहुत अनूकूल माना जाता है इसलिए लोहड़ी के दिन मूंगफली, रेवड़ी आदि उनको अर्पित किया जाता है। कहा जाता है कि यह भोग सीधा अग्निदेव और अन्न देवताओं के पास जाता है। अपनी भक्ति से लोग भगवान को खुश करने का प्रयास करते हैं ताकि धरती मां अच्छी फसल दें। ऐसा मान्यता है कि ऐसा करने से घर में खुशहाली और समृद्धि आती है।
 

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