Dussehra 2021 Ravan Dahan Puja Vidhi, Muhurat, Samagri List, Mantra: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा या विजयदशमी का पावन पर्व मनाया जाता है। इस बार दशहरा का पावन पर्व 15 अक्टूबर 2021, शुक्रवार को है दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने लंकापति रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्ति की थी।
विजय दशमी के दिन जगह जगह पर रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रावण का दहन करने से व्यक्ति के अवगुणों का नाश होता है। तथा रोग, दोष, शोक, संकट आदि से मुक्ति मिलती है और ग्रह दोष खत्म होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में भी इस दिन का विशेष महत्व है। विजय दशमी के पावन पर्व पर शस्त्र पूजन का भी विधान है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, और रावण दहन से संबंधित विशेष बातें।
Dussehra 2021 Date, Puja Vidhi, Muhurat, Katha, Aarti, Timings : Check all updates
15 अक्टूबर 2021, शुक्रवार को विजय दशमी का शुभ मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से दोपहर 02 बजकर 48 मिनट तक है, यह दशहरा की पूजा का शुभ मुहूर्त है। तथा सुबह 01 बजकर 15 मिनट से दोपहर 3 बजकर 33 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा, यह दोपहर की पूजा का शुभ मुहूर्त है। पौराणिक कथाओं के अनुसार आपको बता दें रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले का दहन शाम को सूर्यास्त के बाद किया जाता है। रावण दहन का शुभ समय शाम 7:26 मिनट से रात 9:22 मिनट तक उत्तम है.
दशहरा पूजा विधि, Dussehra 2021 Puja Vidhi
दशहरा के पावन अवसर पर सुबह सूर्योदय से पहले स्नान आदि कर साफ और नए वस्त्र धारण करें। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम और मां भगवती की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और विशेष फल की प्राप्ति होती है। तथा शमी के वृक्ष की पूजा करें और अपने अस्त्र शस्त्र को भी धूप दीप दिखाएं। मान्यता है कि भगवान राम ने रावण से युद्ध करने से पहले शस्त्र पूजन किया था।
इस दिन रावण की पूजा भी की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रावण एक ब्राह्मण और विद्वान था। इसलिए रावण को पूजा जाता है। बता दें पूजा करने के लिए रावण का पुतला बनाएं, रावण का पुतला बनाने के लिए गोबर का इस्तेमाल किया जाता है। यदि गोबर उपलब्ध ना हो तो आंटे की लोई से रावण का पुतला बनाएं। तथा सूर्यास्त के बाद रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले का दहन करें। ऐसा माना जाता है कि यह सभी पुतले बुराई और नकारात्मकता का प्रतीक हैं।
Happy Dussehra 2021 Shayari
रावण दहन का महत्व
विजयदशमी का पावन पर्व पूरे भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम ने अन्यायी और अहंकारी राक्षस लंकापति रावण का वध किया था। वहीं मां भगवती ने इस दिन महिषासुर का वध कर तीनों लोक को उसके अत्याचार से बचाया था। इस पर्व को असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व संदेश देता है कि सत्य की हमेशा विजय होती है और असत्य का सर्वदा नाश होता है। इस दिन रावण के साथ कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले का भी दहन किया जाता है। मान्यता है कि इनका पुतला जलाने से मनुष्य के सभी अवगुणों का नाश हो जाता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल