नई दिल्ली: बुधवार को ईद का चांद नहीं दिखा लिहाज एक दिन इंतजार और बढ़ गया है। दिल्ली समेत देश के किसी भी हिस्से में बुधवार को ईद का चांद नजर नहीं आया है, इसलिए ईद-उल-फितर का त्यौहार शुक्रवार को मनाया जाएगा एवं गुरुवार को को 30वां और आखिरी रोज़ा होगा। फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मुकर्रम ने बताया कि दिल्ली समेत देश के किसी भी हिस्सों में ईद का चांद नज़र नहीं आया है, इसलिए ईद का त्यौहार शुक्रवार 14 मई को मनाया जाएगा। गौर हो कि शव्वाल के महीने के पहले दिन ईद होती है। मुसलमानों के सबसे बड़े त्योहारों से एक ईद-अल-फितर है।
Bharat mein Eid kab hai
दरअसल, रमजान के 30 रोजे के बाद इस दिन इस्लामी कैलेंडर के 10वें महीने शव्वाल की पहली तारीख होगी। हालांकि, उलेमाओं ने मुसलमानों से बुधवार को ईद का चांद देखने की अपील की है। कोरोना काल में ईद का रंग थोड़ा फीका है, क्योंकि पाबंदियों की वजह से सड़कों और बाजार में पहले जैसी रौनक नहीं है। साथ ही कोरोना के खतरे को देखते हुए मुस्लिम समुदाय ऐहतियात भी बरत रहा है।
सउदी अरब में ईद 13 मई को मनाई जा रही है
सामान्य तौर पर सऊदी अरब में चांद दिखने के दूसरे दिन भारत में चांद रात की परंपरा रही है। इस लिहाज से देखा जाए तो चूंकि ईद सउदी अरब में 13 मई को मनाई जा रही है इसलिए भारत में एक दिन बाद यानी 14 मई को है। एक बात जो सबसे अहम है कि जब 30 रोजे हो जाते हैं तो फिर फर्क नहीं पड़ता चांद दिखे या ना दिखे। 30 दिन के बाद रमजान खत्म होता है और अगले दिन ईद होती है। इस लिहाज से भारत में 14 मई को ही ईद है।
चांद देखने पर निर्भर करती है ईद की तारीख
ईद-उल-फितर का त्योहार चांद के निकलने पर निर्भर करता है। अगर चांद 12 मई यानी बुधवार को नजर आता है तो उसके अगले दिन 13 मई यानी गुरुवार को ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाएगा। लेकिन अगर चांद 13 मई को निकलता है, तो पूरे देश में ईद-उल-फितर का त्योहार 14 मई दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। यानी ईद की सही तारीख का निर्धारण चांद के निकलने पर ही निर्भर है।रमजान के पाक महीने की शुरुआत चांद के देखने से होता है और ये चांद के निकलने से खत्म होता है। रमजान के 29 या 30 दिनों के बाद ईद का चांद दिखता है। 13 मई को रमजान के 30 रोजे खत्म हो रहे हैं।
कब मनाई जाती है ईद
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाई जाती है। ईद के दिन सुबह की नमाज पढ़ इसकी शुरूआत हो जाती है। इस साल रमजान 14 अप्रैल से शुरू हुआ था, इसलिए ईद-उल-फितर 13 मई (गुरुवार) या 14 मई (शुक्रवार) को मनाई जा सकती है। हालांकि, चांद देखकर ही इसकी सही तारीख तय होगी। क्योंकि सउदी अरब में ईद गुरुवार और यानी 13 मई को मनाई जाएगी और एक दिन बाद भारत में अमूमन होता आया है इसलिए इस बार भारत में ईद 14 मई को मनाए जाने की पूरी संभावना है।
30 रोजे के बाद होती है मुबारक ईद
दरअसल इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक रमजान के दौरान पाक मन से रोजे रखने वालों और नमाज अदा करने वालों के अल्लाह सारे गुनाह माफ कर देता है। वहीं ईद उल फितर के साथ ही रोजे भी खत्म हो जाते हैं। ईद उल फितर के दिन लोग सुबह नए कपड़े पहनकर नमाज अदा करते हुए अमन और चैन की दुआ मांगते हैं। ईद-उल-फितर पर्क के मौके पर मीठे पकवान (खासतौर पर सेंवईंयां) बनती हैं। इस मुबारक मौके पर लोग आपस में गले मिलकर अपने गिले-शिकवों को दूर करते हैं। साथ ही घर आए मेहमानों की विदाई कुछ उपहार देकर की जाती है।
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