ज्योतिषशास्त्र में व्यक्ति के अनेक कष्टों का हल बताया गया है। इसके अनुसार व्यक्ति को होने वाली सभी परेशानियों का संबंध नवग्रहों से माना जाता है। इन ग्रहों के रत्नों को धारण करने से, यह मनुष्य के शारिरीक सौंदर्य को बढ़ाने के साथ विभिन्न समस्याओं के निवारण में भी सहायक होते हैं। इन्हीं नवरत्नों में से एक है पन्ना, यह रत्न बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति के कुंडली में अधिपति भावों का स्वामी बुध हो तो उसके लिए पन्ना धारण करना शुभ माना जाता है।
पन्ना व्यापारी और विद्यार्थी वर्ग के जातकों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इसे पहनने से उन्हें उनके कार्य में सफलता मिलती है और बुद्धि का विकास होता है। साथ ही यह आपके गुस्से पर काबू रखने में मदद करता है और मन की एकाग्रता को बनाए रखता है। तो आइए जानते हैं पन्ना किन जातकों के लिए विशेष शुभ माना जाता है, इसे धारण करने के नियम और इसे पहनने से होने वाले फायदे के बारे में।
ये लोग करें धारण
पन्ना मिथुन और कन्या लग्न वाले जातकों के लिए धारण करना शुभ माना जाता है। यदि किसी के जन्म लग्न में बुध छठे, आठवें, और 12वें भाव में हो तो वह भी पन्ना धारण कर सकते हैं। साथ ही यदि बुध नीच मीन राशि का हो तो भी इसे पहना जा सकता है। बुध शुभ स्थान का स्वामी होकर अष्टम भाव में हो तो पन्ना पहनान काफी शुभ माना जाता है।
यदि आप पर बुध की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो तो पन्ना अवश्य धारण करें। इससे आपकी सभी समस्याएं दूर होंगी और आपको अपने कार्य में निरंतर सफलता मिलेगी।
पन्ना रत्न धारण करने के नियम
आपको बता दें इस रत्न को धारण करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए। क्योंकि गलत समय और गलत तरह से इस रत्न को धारण करने से शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती और यह रत्न आपके जीवन में अशुभ फल देना शुरु कर देता है। तो आइए ऐसे में जानते हैं इस रत्न को धारण करने के नियम और फायदे।
बुधवार के दिन करें धारण
इस रत्न को केवल बुधवार के दिन ही धारण करें। बुधवार के दिन अगर अश्लेषा, ज्येष्ठा या रेवती नक्षत्र हो तो पन्ना रत्न को धारण करना अति उत्तम माना जाता है।
सुबह के समय करें ऐसे धारण
पन्ना रत्न को बुधवार के दिन सुबह के समय धारण करना चाहिए। इसके लिए आप धारण करने से पहले रत्न को गाय के दूध में कुछ देर के लिए रख दें। उसके बाद इसे मंदिर में भगवान की मूर्ती के पास चढ़ाएं। अब थोड़ी देर बाद इस रत्न को गंगा जल से साफ कर इसे सुबह 10 बजे से पहले पहन लें और इस रत्न को धारण करने से पहले ओमकार मंत्र का जाप करें।
ध्यान रहे
इस रत्न को धारण करते समय इस बात का अवश्य ध्यान रहे कि जो रत्न आप धारण करते हैं वो कम से कम तीन कैरेट का होना चाहिए। तीन कैरेट से कम का पन्ना आप धारण ना करें, तीन कैरेट से अधिक का पन्ना आप पहन सकते हैं। साथ ही इसे आप हाथ की सबसे छोटी उंगली में पहनें।
रत्न धारण करने के फायदे
इस रत्न को पहनने से छात्रों की वुद्धि में विकास होता है और एकाग्रता क्षमता बढ़ती है। यह रत्न छात्रों की सीखने की क्षमता में वृद्धि करता है।
कला क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए
कला के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह अति उत्तम रत्न माना गया है। ऐसे में यदि आप कला यानि संगीत जगत, फैशन डिजाइनिंग, पेंटिंग आदि चीजों में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो यह रत्न आपके लिए अत्यंत लाभकारी है। साथ ही किसी प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ स्थान पाने के लिए भी यह रत्न मददगार है।
लक्ष्य प्राप्ति में सहायक
यदि आपको अपने लक्ष्य की प्राप्ति में लगातार अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है या आपके कारोबार में नुकसान हो रहा है, तो यह रत्न आपकी इन सभी समस्याओं को दूर करने में मददगार होता है। इस रत्न को धारण कर आप जल्द ही अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
व्यापारियों के लिए अत्यंत लाभदायक
आपको बता दें व्यापारियों के लिए यह रत्न किसी चमत्कार से कम नहीं है। यह आपके बिगड़े काम को बनाने में सहायक होता है। साथ ही यदि आपको लगातार व्यापार में घाटे और धोखाधड़ी का सामना करना पड़ रहा है तो आप इस रत्न को धारण कर इन सभी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। इसे पहनने व्यापार में नुकसान और धोखाधड़ी की संभावना कम होती है।
आर्थिक तंगी को करता है दूर
यदि आप धन की किल्लत से परेशान हैं और कर्ज में डूबे हैं तो यह रत्न आपको कर्ज से मुक्त कराता है और धन प्राप्ति के रास्तों को खोलता है।
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