Famous Temples and Religious places of Rajasthan: राजस्थान पर्यटन की दृष्टि से बेहद लोकप्रिय राज्य है। यह ऐसा राज्य है जहां रेगिस्तान हैं, झीलें, विशाल और भव्य दुर्ग हैं और वाइल्ड लाइफ है। पर्यटन की विविधताओं वाला यह प्रदेश धार्मिक स्थलों के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण है। ‘पधारो म्हारे देस’ के साथ राजस्थान आपको तीर्थ के लिए भी आमंत्रित करता है। आज हम आपको बता रहे हैं राजस्थान के पांच विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों के बारे में जहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु आते हैं। राजस्थान टूरिज्म के निदेशक निशांत जैन (आईएएस) कहते हैं कि राजस्थान ऐसी जगह है जहां घूमने आने वालों को हर तरह का अनुभव मिलता है। यहां का हर जिला पर्यटन के नए अनुभव कराता है।
पुष्कर सिर्फ राजस्थान और भारत में ही नहीं अपितु विदेशों में भी पहचाना जाता है। यह बावन घाटों से सजी पवित्र पुष्कर झील और ब्रह्मा जी के प्रसिद्ध मंदिर के लिए मशहूर है। पूरे विश्व का एक मात्र ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर में स्थित है। संगमरमर से निर्मित, चांदी के सिक्कों से जड़ा हुआ, लाल शिखर और हंस (ब्रह्मा जी का वाहन) की छवि, वाले मंदिर में ब्रह्मा जी की चतुर्मुखी प्रतिभा, गर्भगृह में स्थापित है। इसी मंदिर में सूर्य भगवान की संगमरमर की मूर्ति, प्रहरी की भाँति खड़ी है। इस मूर्ति की विशेषता यह है कि सूर्य भगवान की मूर्ति जूते पहने दिखाई दे रही है।
विश्व प्रसिद्ध रामद्वारा रामस्नेही संप्रदाय का मूल स्थान, भीलवाड़ा मूलतः वस्त्रों और करघे का शहर रूप में विख्यात है। इस शहर में बागोर साहिब एक ऐतिहासिक गुरूद्वारा है जहां श्री गुरू गोविन्द सिंह जी पंजाब की यात्रा पर जाते समय ठहरे। यह गुरूद्वारा तहसील मांडल के गांव बागोर में स्थित है। यहांं की यात्रा से दसवें सिख गुरू, श्री गुरू गोविन्द सिंह जी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
रानी सती मंदिर राजस्थान में झुझंनू जिले में स्थित विख्यात मंदिर है। इस मंदिर का इतिहास 400 से अधिक वर्षों का है। स्त्री शक्ति का प्रतीक यह मंदिर अपनी गरिमा और असाधारण चित्रों के लिए जाना जाता है। यह पुराने भारतीय तीर्थ के रूप में भी माना जाता है।
यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होने वाला रणथम्भौर का क़िला, ऐतिहासिक और रोमांचक है। यह शहर किले के अलावा ऊची पहाड़ियों के बीच बसे पवित्र अमरेश्वर महादेव मंदिर के लिए भी जाना जाता है। अमरेश्वर महादेव मंदिर का स्थान रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान के मार्ग में आता है। यहां शिवलिंग स्थापित है। कई भक्त यहां आकर, भगवान महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। एक मनोरम कलकल करता झरना यहां वर्षाकाल में बहता है।
जयपुर वासियों के लिए बुधवार को गणेश मंदिर जाना दिनचर्या में शामिल है। बन गई है। 18वीं सदी में सेठ जयराम पालीवाल द्वारा इसका निर्माण शुरू किया गया था। हिन्दू धर्म के प्रथम पूज्य गणेश जी के मंदिर में लोग, कोई भी शुभ काम शुरू करने से पहले आशीर्वाद लेने आते हैं। इस मंदिर के पास ही पहाड़ी पर मोती डूंगरी महल स्थित है, जो कि एक स्कॉटिश महल का प्रतिरूप है। यहां महाराजा सवाई मानसिंह अपने परिवार के साथ रहा करते थे।
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