Maa Gauri And Lord Shiva Mantra: हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। इस दिन को हर साल गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार इस दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा अर्चना करने वालों की हर मनोकामना पूरी होती है। गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा कि घर में स्थापना की जाती है और 10 दिनों तक विधि विधान से गणपति बप्पा की पूजा की जाती है। वहीं दसवें दिन गणपति बप्पा की विदाई करके विसर्जन किया जाता है। इस दिन भक्त गणपति बप्पा का आशीर्वाद पाने के लिए तरह तरह से पूजा पाठ करते हैं। अगर आप भी गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का आशीर्वाद पाना चाहते हैं व अपनी इच्छाएं पूरी करना चाहते हैं तो इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना के साथ ही मां गौरी व भगवान शिव के मंत्रों का जाप जरूर करें।
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भगवान शिव के मंत्र
रोग-शोक दूर करने वाला शिव मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।।
रोजी-रोजगार के लिए शिव मंत्र
विशुद्धज्ञानदेहाय त्रिवेदीदिव्यचक्षुषे।
श्रेय:प्राप्तिनिमित्ताय नम: सोमाद्र्धधारिणे।।
यदि आपको शिव के किसी मंत्र को पढ़ने में दिक्कत आती है तो आप उनके अत्यंत ही सरल और पावन पंचाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवाय।। का जाप कर सकते हैं।
सभी बाधाओं से बचाने वाला शिव मंत्र
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं।
त्रय: शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम्।।
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सर्वोच्च पद दिलाने वाला शिव मंत्र
ॐ देवाधिदेव देवेश सर्वप्राणभूतां वर।
प्राणिनामपि नाथस्त्वं मृत्युंजय नमोस्तुते।।
महागौरी मंत्र
ॐ देवी महागौर्यै नमः॥
महागौरी प्रार्थना मंत्र
श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
महागौरी स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
महागौरी ध्यान मंत्र
वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरी यशस्विनीम्॥
पूर्णन्दु निभाम् गौरी सोमचक्रस्थिताम् अष्टमम् महागौरी त्रिनेत्राम्।
वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् त्रैलोक्य मोहनम्।
कमनीयां लावण्यां मृणालां चन्दन गन्धलिप्ताम्॥
मंत्रों के जाप से हैं कई फायदे
माता गौरी व भगवान शिव के किन मंत्रों का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन मां गौरी व भगवान विष्णु के इन मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति हर समस्या से छुटकारा पा लेता है व उसकी हर मुराद पूरी होती है। इन मंत्रों का जाप करने के लिए साफ सफाई का विशेष ध्यान दें।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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