Ganesh Ji Ke mantra Lyrics in Hindi, Vakratunda Mahakaya Surya Koti Samaprabha Nirvighnam Kuru Me Dev SarvKaaryeshu Sarvadaa Sanskrit mantra Lyrics in Hindi: वक्रतुंड महाकाय - गणपति का एक ऐसा मंत्र है जो सभी देवी-देवताओं की पूजा आदि में अक्सर इस्तेमाल किया जाता है। चूंकि भगवान गणेश को प्रथम पूज्यनीय माना गया है। इसलिए इनका ध्यान करके लोग सबसे पहले उनसे प्रार्थना करते हैं। ताकि जीवन में आने वाले विघ्न दूर हो सके और पूजा सकुशल संपन्न हो। कहते हैं इस मंत्र के बिना सारी पूजा अधूरी रहती है।
मान्यता है कि वक्रतुंड महाकाय मंत्र" गणपति का सबसे शक्तिशाली मंत्र हैं। इस मंत्र का जाप करते समय अपने हृदय में बप्पा को स्थान देकर उनका ध्यान करने से भगवान प्रसन्न होते हैं। वैसे तो इस मंत्र को संस्कृत में सभी जानते हैं। आज हम आपको इसके हिंदी अर्थ के बारे में बताएंगे।
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
हे घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर वाले, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली।
हे प्रभु! हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पूरे करने की कृपा करें॥
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गणेश चतुर्थी पर मंत्र का महत्व
इस मंत्र का जाप भक्ति-भाव के साथ करने से मंत्र का प्रभाव बढ़ जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि अगर आप समय की कमी के कारण प्रतिदिन गणेश जी की आरती नहीं कर पाते हैं तो ऐसे में कम से कम सबसे पहले इस मंत्र का पाठ अवश्य करें।
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