Ganesha Jayanti 2022, How It Is Different From Ganesh Chaturthi: माघी गणेश जयंती या गणेश जयंती हर वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाई जाती है। यह तिथि विघ्नहर्ता गणेश को समर्पित है। इस दिन विधि अनुसार भगवान गणेश की पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर श्री गणेश का जन्म हुआ था। ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता पार्वती ने उबटन से एक बालक की आकृति बनाई थी और उसकी प्राण प्रतिष्ठा की थी। जिसके बाद यह बालक विघ्नहर्ता भगवान गणेश कह लाए थे। बहुत से लोग गणेश जयंती और गणेश चतुर्थी को लेकर असमंजस में रहते हैं। यहां जानिए गणेश जयंती और गणेश चतुर्थी में क्या फर्क है और इस वर्ष यह कब पड़ रही हैं।
कैसे अलग है गणेश जयंती और गणेश चतुर्थी
मान्यताओं के अनुसार, गणेश जयंती पर भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। वर्ष 2022 में गणेश चतुर्थी 4 फरवरी के दिन पड़ रही है। यह 4 फरवरी को सुबह 4:38 से शुरू होगी और 5 फरवरी को सुबह 3:47 तक खत्म हो जाएगी। इस दिन मध्याह्न मुहूर्त में गणेश जी की पूजा की जाती है। वहीं, पौराणिक कथाओं के अनुसार गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश अपनी मां माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत से धरती पर आए थे। वर्ष 2022 में गणेश चतुर्थी 31 अगस्त के दिन पड़ रही है। इसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।
गणेश जयंती पर लोग विधि अनुसार भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इस दिन गणेश मंदिर के भी दर्शन किए जाते हैं। भगवान गणेश अपने भक्तों के सभी दुख और कष्ट हर लेते हैं इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता कहा जाता है। गणेश जयंती पर लोग व्रत रखकर भगवान को प्रसन्न करते हैं।
डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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