Hariyali Amavasya 2021: श्रावणी अमावस्या 2021 कब है, देखें हर‍ियाली अमावस्‍या की त‍िथ‍ि व महत्‍व

Hariyali Amavasya 2021 date and mahatva: हिंदू पंचांग के शुभ महीनों में से एक सावन का महीना सनातन धर्म में बहुत शुभ माना गया है। इस माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि पितरों की शांति के लिए उत्तम है।

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पितृ तर्पण के लिए श्रावण अमावस्या उत्तम, जानें तिथि और महत्व 
मुख्य बातें
  • सनातन धर्म में सावन मास की अमावस्या तिथि को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, इस वर्ष यह तिथि 07 अगस्त के दिन पड़ रही है।
  • श्रावणी अमावस्या तिथि पितरों के तर्पण तथा पिंडदान के लिए उत्तम मानी गई है, इस दिन दान-धर्म के कार्य करना लाभदायक है।
  • हारियाली अमावस्या पर पीपल, बरगद, केला, तुलसी, नींबू आदि का पौधा लगाना भक्तों के लिए मंगलमय माना गया है।

Hariyali Amavasya 2021 date and mahatva: हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की अमावस्या तिथि दान-पुण्य तथा धार्मिक कार्यों के लिए उत्तम मानी गई है। श्रावण मास में बारिश के वजह से प्रकृति अपने पवित्र रूप में मौजूद होती है। इस माह में धरती का हर एक कोना खिल उठता है और वातावरण मनमोहक हो जाता है। इसीलिए सनातन धर्म में इस तिथि को हरियाली अमावस्या के नाम जाना जाता है। श्रावण मास की अमावस्या तिथि को श्रावणी अमावस्या भी कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार, पितरों की शांति के लिए यह तिथि बेहद अनुकूल है। इन दिन पिंडदान जैसे धार्मिक कार्य भी किए जाते हैं। 

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श्रावणी अमावस्या 2021 तिथि एवं मुहूर्त 

श्रावणी अमावस्या तिथि: - 08 अगस्त 2021, रविवार 

अमावस्या तिथि प्रारंभ: - 07 अगस्त 2021, शनिवार शाम 07:13

अमावस्या तिथि समापन: - 08 अगस्त 2021, रविवार शाम 07:21 

श्रावणी अमावस्या का महत्व, Hariyali Amavasya Ka Mahatva

सनातन धर्म में अमावस्या तिथि को पितृ दोष से मुक्ति, पितरों की शांती, पिंडदान, दान-पुण्य आदि के लिए शुभ माना गया है। मगर श्रावण या सावन मास की अमावस्या तिथि इन सभी धार्मिक कार्यों कि लिए उत्तम है। श्रावणी अमावस्या का धार्मिक महत्व होने के साथ प्राकृतिक महत्व भी है। यह तिथि जहां धार्मिक कार्यों के लिए मंगलमय मानी गई है। वहीं, प्रातृतिक दृष्टिकोण से भी यह तिथि का महातम अधिक है। इसीलिए इस तिथि को हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना गया है। इस शुभ तिथि पर लोग पीपल, बरगद, केला, तुलसी, नींबू आदि पौधे लगाते हैं। इन पौधों को लगाना लाभदयक माना गया है। 


 

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