Hariyali Teej Geet: हरियाली तीज में गाए जाते हैं ये खास लोकगीत, चारों तरफ आती है सकारात्मक ऊर्जा

Hariyali Teej Latest Song: हरियाली तीज में सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। हरियाली तीज के दिन लोकगीत गाने की प्रथा काफी पुरानी है। इस दिन महिलाएं और लड़कियां लोकगीत गाकर पूरे वातावरण को सकारात्मक करती हैं।

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Hariyali Teej song   |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • हरियाली तीज का व्रत कुंवारी लड़कियां भी मनचाहा वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं
  • हरियाली तीज का त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है
  • भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करने पर सारी मनोकामना पूरी होती है

Hariyali Teej LokGeet Lyrics: हिंदू धर्म में हरियाली तीज पर्व का विशेष महत्व है। यह सावन महीने का प्रमुख त्योहार है। हरियाली तीज में सुहागन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। हरियाली तीज का व्रत कुंवारी लड़कियां भी मनचाहा वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं। हरियाली तीज का त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि हरियाली तीज में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करने पर सारी मनोकामना पूरी होती है। हरियाली तीज का व्रत करवा चौथ के व्रत की तरह ही निर्जला यानी बिना पानी पिएं रखा जाता है। हरियाली तीज में झूला झूलने व लोकगीत गाने का विशेष महत्व है। इस दौरान तरह-तरह के लोकगीत गाए जाते हैं। इन लोकगीतों से चारों तरफ सकारात्मक ऊर्जा आती है। आइए जानते हैं हरियाली तीज में गाए जाने वाले लोकगीत के बारे में...

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गाए जाते हैं ये लोकगीत

1- झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज,
राधा संग में झूलें कान्हा झूमें अब तो सारा बाग़,
झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज,

नैन भर के रस का प्याला देखे श्यामा को नदं लाला,
घन बरसे उमड़ उमड़ के देखों नृत्य करे बृज बाला,
छमछम करती ये पायलियाँ  खोले मन के सारे राज,
झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज,

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2- अम्मा मेरी रंग भरा जी, ए जी कोई आई हैं हरियाली तीज।
घर-घर झूला झूलें कामिनी जी, बन बन मोर पपीहा बोलता जी।
एजी कोई गावत गीत मल्हार,सावन आया...
कोयल कूकत अम्बुआ की डार पें जी, बादल गरजे, चमके बिजली जी।
एजी कोई उठी है घटा घनघोर, थर-थर हिवड़ा अम्मा मेरी कांपता जी।

3- नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा,
एक झूला डाला मैंने बाबल के राज में,
बाबुल के राज में...
संग की सहेली हे सावन का मेरा झूलणा,
नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा.
ए झूला डाला मैंने भैया के राज में,
भैया के राज में...
गोद भतीजा हे सावन का मेरा झूलणा,
नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा...

31 अगस्त को मनाई जाएगी हरियाली तीज

हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल हरियाली तीज 31 जुलाई को मनाई जाएगी। यह व्रत रविवार- सुबह 3 बजे से तृतीया तीथि समाप्त: 1 अगस्त 2022,सोमवार- सुबह 4 बजकर 20 मिनट पर है।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
 

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