Difference between Real and Fake Rudraksha: हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का पांचवा महीना सावन चल रहा है जोकि भगवान शिवजी का प्रिय माह है। सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू हो चुका है कि जोकि 12 अगस्त को समाप्त होगा। भगवान शिवजी के इस प्रिय माह में उनकी प्रिय चीजों को पूजा में जरूर शामिल करें। इससे भगवान शिव प्रसन्न होकर आशीर्वाद देंगे। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसूओं की बूंदों से हुई है। यही कारण है कि ‘रुद्राक्ष’ भगवान शिवजी को अत्यंत प्रिय है।
सावन माह में रुद्राक्ष धारण करना भी शुभ माना गया है। सभी रुद्राक्षों में एकमुखी रुद्राक्ष को उत्तम माना जाता है। हालांकि बाजारों में एकमुखी और असली रुद्राक्ष मुश्किल से ही मिल जाते हैं। इनदिनों बाजार में नकली रुद्राक्ष भी खूब बिक रहे हैं। इसलिए रुद्राक्ष खरीदते समय असली और नकली रुदाक्ष की पहचान करें। कैसे करें असली और नकली रुद्राक्ष की पहचान। जानते हैं इसके तरीके के बारे में।
ऐसे पहचाने असली रुद्राक्ष
रुद्राक्ष की ये प्रजातियां होती हैं नकली
भारत में रुद्राक्ष के कुल 33 प्रजातियां पाई जाती है। बाजार में बिकने वाली तीन मुखी से नीचे और सात मुखी से अधिक वाली रुद्राक्ष सामान्यत: नकली होते हैं। चार मुखी, पांच मुखी और छह मुखी रुद्राक्ष ज्यादातर असली होते हैं। लेकिन एक मुखी रुद्राक्ष को सबसे अच्छा माना जाता है।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल