Real and Fake Rudraksha Identify: कैसे करें असली और नकली रुद्राक्ष की पहचान, जानिए

Rudraksha Importance: सावन माह में भक्त भगवान शिव को उनकी प्रिय चीजों के साथ पूजा करते हैं। रुद्राक्ष भगवान शिवजी को अत्यंत प्रिय होता है। इसलिए सावन में भक्त रुद्राक्ष धारण करते हैं। लेकिन नकली रुद्राक्ष धारण करने से शिवजी की कृपा प्राप्त नहीं होती। जान लें कैसे पहचाने असली और नकली रुद्राक्ष।

Difference between Real and Fake Rudraksha
असली और नकली रुद्राक्ष की पहचान 
मुख्य बातें
  • एकमुखी रुद्राक्ष होता है सबसे अच्छा
  • भगवान शिव के आंसुओं से हुई रुद्राक्ष की उत्पत्ति
  • चार, पांच और छह मुखी रुद्राक्ष होते हैं असली

Difference between Real and Fake Rudraksha: हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का पांचवा महीना सावन चल रहा है जोकि भगवान शिवजी का प्रिय माह है। सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू हो चुका है कि जोकि 12 अगस्त को समाप्त होगा। भगवान शिवजी के इस प्रिय माह में उनकी प्रिय चीजों को पूजा में जरूर शामिल करें। इससे भगवान शिव प्रसन्न होकर आशीर्वाद देंगे। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसूओं की बूंदों से हुई है। यही कारण है कि ‘रुद्राक्ष’ भगवान शिवजी को अत्यंत प्रिय है।

सावन माह में रुद्राक्ष धारण करना भी शुभ माना गया है। सभी रुद्राक्षों में एकमुखी रुद्राक्ष को उत्तम माना जाता है। हालांकि बाजारों में एकमुखी और असली रुद्राक्ष मुश्किल से ही मिल जाते हैं। इनदिनों बाजार में नकली रुद्राक्ष भी खूब बिक रहे हैं। इसलिए रुद्राक्ष खरीदते समय असली और नकली रुदाक्ष की पहचान करें। कैसे करें असली और नकली रुद्राक्ष की पहचान। जानते हैं इसके तरीके के बारे में।

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ऐसे पहचाने असली रुद्राक्ष

  • मार्केट में प्लास्टिक और नकली लकड़ियों से निर्मित रुद्राक्ष भी बिक रहे हैं जोकि देखने में तो असली लगते हैं लेकिन ये असली नहीं होते। असली रुद्राक्ष पहचानने का सबसे आसान तरीका है सरसों तेल।
  • असली रुद्राक्ष को सरसों के तेल में डालने पर वह रंग नहीं छोड़ता है। जबकि नकली रुद्राक्ष रंगहीन हो जाता है।
  • असली रुद्राक्ष पानी में डालने पर डूब जाता है जबकि नकली रुद्राक्ष पानी के ऊपर तैरता हुआ नजर आता है।
  • असली रुद्राक्ष को धारदार चीजों से कुरेदने पर उसमें रेशा निकलता है।
  • असली रुद्राक्ष में प्राकृतिक रूप से छेद होता है जबकि नकली रुद्राक्ष में छेद बनाया जाता है।
  •  रुद्राक्ष के ऊपर उभरे हुए पठार अगर एक समान हैं तो वह नकली रुद्राक्ष है। क्योंकि असली रुद्राक्ष में उभरे हुए पठारों की आकृति अलग-अलग होती है।
  • असली और नकली रुद्राक्ष की पहचान के लिए रुद्राक्ष को गर्म पानी में डाल दें। यदि गर्म पानी में डालने से रुद्राक्ष का रंग बदल जाता है तो वह रुद्राक्ष नकली है।

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रुद्राक्ष की ये प्रजातियां होती हैं नकली

भारत में रुद्राक्ष के कुल 33 प्रजातियां पाई जाती है। बाजार में बिकने वाली तीन मुखी से नीचे और सात मुखी से अधिक वाली रुद्राक्ष सामान्यत: नकली होते हैं। चार मुखी, पांच मुखी और छह मुखी रुद्राक्ष ज्यादातर असली होते हैं। लेकिन एक मुखी रुद्राक्ष को सबसे अच्छा माना जाता है।

(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।)

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