नई दिल्ली: भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा पुरी में इस साल 12 जुलाई से शुरू होगी। यह यात्रा कोविड की वजह से बिना श्रद्धालुओं के होगी जो सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के तहत आयोजित होगा। गौर हो कि हर साल पुरी में आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से रथयात्रा का आयोजन होता है।
सदियों से चली आ रही इस रथयात्रा के दौरान श्री जगन्नाथजी, बलभद्रजी और सुभद्राजी रथ में बैठकर अपनी मौसी के घर, गुंडिचा मंदिर जाते हैं जो यहां से तीन किलोमीटर दूर है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को तीनों अपने स्थान पर आते हैं और मंदिर में अपने स्थान पर विराजमान हो जाते हैं।
सदियों पुराना है रथयात्रा का इतिहास /jagannath rath yatra 2021
ओड़िशा के पुरी में हर साल आयोजित होने वाले जगन्नाथ रथ यात्रा का इतिहास बेहद पुराना है। पिछले साल भी कोरोना की वजह से यह बिना श्रद्धालुओं के आयोजित हुआ था । इसमें भगवान जगन्नाथ की रथ पर सवारी निकाली जाती है इस यात्रा का बड़ा धार्मिक महत्व माना जाता है। गौर हो कि पुरी भारत के चार धाम में से एक है।
jagannath rath yatra 2021
भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा का धार्मिक के साथ-साथ सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी है। पुरी में आयोजित होने वाले इस रथ यात्रा पर पूरे देश की नजर रहती है। रथ यात्रा में तीन रथ की पालकी चलती है जिसमें अलग अलग तीन रथों पर भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा को रथ पर बिठाया जाता है। इसलिए इस फेस्टिवल को रथ त्योहार भी कहा जाता है। इन रथों को नंदीघोष, तलाध्वजा और देवादालना भी कहा जाता है।
jagannath rath yatra kab hai
ओडिशा के पुरी शहर में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा एक वार्षिक अनुष्ठान है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग पुरी पहुंचते हैं। यह यात्रा इस बार 12 जुलाई को होगी। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर राज्य सरकार ने केवल पुरी में ही रथ यात्रा निकालने की अनुमति दी है।
रथ यात्रा पर पूरी तरह पाबंदी है, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने अपने 22 जून, 2020 के आदेश द्वारा पिछले साल कुछ शर्तों के साथ इसकी अनुमति दे दी थी। इस साल राज्य सरकार ने केवल जगन्नाथ पुरी मंदिर में ‘रथ यात्रा’ निकालने की अनुमति दी है। रथ यात्रा राज्य में सदियों से होती आई है।
रथयात्रा पर पुरी में कर्फ्यू, छत से भी देखने की मनाही
इस साल वार्षिक रथयात्रा उत्सव श्रद्धालुओं की भीड़ के बगैर ही होगा और उन्हें रथ के मार्ग में छतों से भी रस्म देखने की अनुमति नहीं होगी।पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा के मुताबिक प्रशासन ने अपने फैसले की समीक्षा की है और रथयात्रा का दृश्य घरों एवं होटलों की छतों से देखने पर भी पाबंदी लगा दी गयी है। 12 जुलाई को होने वाले इस उत्सव से एक दिन पहले पुरी शहर में कर्फ्यू लगाया जाएगा जो अगले दिन दोपहर तक प्रभाव में रहेगा। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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