Jagannath Rath Yatra : कर्फ्यू के बीच निकली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा, आरती में शरीक हुए अमित शाह

राज्य में कोरोना महामारी के संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने इस बार यात्रा में तीन रथों और दो अन्य वाहनों के शामिल होने की इजाजत दी है, यात्रा इस बार कर्फ्यू के बीच निकाली जा रही है।

Jagannath Rath Yatra to be taken out in Ahmedabad today amid curfew
कर्फ्यू के बीच इस बार भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा।  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • इस बार कोरोना महामारी के संकट के बीच निकाली गई रथ यात्रा
  • जगन्नाथ मंदिर की आरती में शरीक हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
  • इस बार तीन रथों और दो अन्य वाहनों के शामिल होने की इजाजत दी गई है

अहमदाबाद : भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा सोमवार को कर्फ्यू के बीच शुरू हुई। अहमदाबाद स्थित मंदिर से रथयात्रा शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने रथ की पूजा की। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह मंदिर की आरती में शरीक हुए। बता दें कि इस बार कोरोना संकट को देखते हुए प्रशासन यात्रा को लेकर बेहद सावधानी बरत रहा है। श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल न हों इसलिए यात्रा कर्फ्यू के बीच निकाली जा रही है।

सादगी से हो रहा यात्रा का आयोजन
हर साल भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। अधिकारियों का कहना है कि 144वीं रथयात्रा का आयोजन सादे तरीके से कम समय में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार 12 घंटे के स्थान पर चार-पांच घंटे में यात्रा समाप्त हो जाएगी, हालांकि यह पहले की तरह 19 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।

जगन्नाथ मंदिर में आरती में शरीक हुए गृह मंत्री
यात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ के मंदिर की सजावट पहले की तरह की गई है। इसके अलावा मंदिर के आसपास और यात्रा मार्ग पर सुरक्षा का भारी बंदोबस्त किया गया है। सोमवार सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जगन्नाथ मंदिर में आरती में भाग लिया। इससे पहले उन्होंने मंदिर परिसर में एक हाथी को केला खिलाया। 

इस बार रथ यात्रा में तीन रथ और दो अन्य वाहन शामिल
इस राथायात्रा में आम लोग शामिल न हो सकें यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य प्रशासन एवं मंदिर प्रबंधन के अधिकारियों ने सभी आवश्यक बंदोबस्त किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि यात्रा के दौरान कोरोना नियमों का पालन हो और शांतिपूर्वक यात्रा सुनिश्चित कराने के लिए कदम उठाए गए हैं। राज्य में महामारी की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने यात्रा में इस बार तीन रथों और दो अन्य वाहनों के शामिल होने की इजाजत दी है। यात्रा में इस बार अखाड़े, हाथी या सजे हुए ट्रकों को यात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं है। 

इस बार प्रत्येक रथ को 20 युवा खीचेंगे
बता दें कि पारंपरिक तौर पर रथों के नेतृत्व में यात्रा, चार सौ साल पुराने मंदिर से सुबह सात बजे शुरू होती है और रात आठ बजे लौटकर समाप्त होती है। इस बार केवल 60 युवाओं को अनुमति दी गई है जिसमें से प्रत्येक रथ को 20 युवा खीचेंगे। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल परंपरागत रूप से यात्रा से पहले सड़क की सफाई करेंगे। मुख्यमंत्री ने रविवार शाम को मंदिर का दौरा किया और आरती में हिस्सा लिया।

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