Janmashtami 2021: भगवान कृष्ण को समर्पित देस में कई मंदिर है जिसमें मथुरा और वृंदावन का नाम लिस्ट में सबसे उपर आता है। श्री कृष्ण जन्मोत्सव यानि जन्माष्टमी में अब गिनती के दिन बाकी है। इस बार यह पर्व 30 अगस्त यानी सोमवार को देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा।
मथुरा,वृंदावन समेत भारत में यह पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद यानि भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था। महाराष्ट्र और गुजरात में जन्माष्टमी के अगले दिन दही हांडी की विशेष परंपरा है। कहा जाता है कि भगावन कृष्ण के इन मंदिरों के दर्शन कर व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं । यदि आप भी जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्री कृष्ण के मंदिरों से जुड़े स्थल घूमने की योजना बना रहे हैं तो इन मंदिरों में जा सकते हैं।
1. मथुरा जन्मभूमि मंदिर
यमुना नदी के तट पर स्थित श्रीकृष्ण का यह मंदिर एक जेल की कोठरी के अंदर स्थित है जिसे भगवान श्रीकृष्ण का जन्म स्थान कहा जाता है। यहां पर एक हॉल में ऊंचा चबूतरा बना हुआ है और इस चबूतरे को लेकर पौराणिक मान्यता है कि यह चबूतरा उसी जगह बना हुआ है जहां पर कान्हा यानी भगवान कृष्ण ने पहला कदम रखा था। मथुरा में इस दिव्य उत्सव का आनंद लेने के लिए हर साल लाखों लोग आते हैं।
2. द्वारकाधीश, मथुरा
द्वारकाधीश मथुरा का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है, यहां की जन्माष्टमी दुनिया भर में मशहूर है। यदि आप जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा घूमने की योजना बना रहे हैं तो द्वारकाधीश मंदिर की सैर अवश्य करें। यहां भगवान का दर्शन आपको आनंद से भर देगा।
3. वृंदावन, उत्तर प्रदेश
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म तो मथुरा में हुआ था। लेकिन उनका बचपन गोकुल, वृंदावन, नंदगांव और बरसाना में बीता था। वृंदावन को श्रीकृष्ण के बचपन की शरारतों और रासलीला के लिए भी जाना जाता है। यहां पर प्रेम मंदिर, इस्कॉन मंदिर और बांके बिहारी मंदिर के दर्शन कर आप श्राकृष्ण की भक्ति में सराबोर हो जाएंगे। भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करना चाहते हैं तो एक बार वृंदावन की सैर अवश्य करें। यहां का दर्शन अद्भुत और दिव्य होता है।
4. द्वारकाधीश, गुजरात
गुजरात के द्वारका में स्थित भगवान श्रीकृष्ण का यह मंदिर तीनों लोकों में सबसे सुंदर और पवित्र माना जाता है। मंदिर में स्थापित श्री कृष्ण की पूजा द्वारकाधीश के रूप में पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस नगर की स्थापना भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भाई बलराम के साथ की थी।
5. उडुपी श्री कृष्ण मंदिर, कर्नाटक
उडुपी श्री कृष्ण मंदिर, भगवान बांके बिहारी लाल के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक हुआ करता है। इस मंदिर की स्थापना 13 वीं सदी में वैष्णव संत श्री माधवाचार्य द्वारा की गई थी। मंदिर में भक्त खिड़की से भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करते हैं। इस चमत्कारिक खिड़की को लेकर कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण के एक अनन्य भक्त थे कनक दास, लेकिन छोटी जाति से आने के कारण उन्हें मंदिर के अंदर नहीं आने दिया जाता था। उन्होंने कन्हैया से दर्शन की प्रार्थनी की, तो कृष्ण ने उन्हें अपने दर्शन कराने का एक अनोखा रास्ता खोज निकाला। उन्होंने पहले से स्थापित उस मंदिर के पीछे एक खिड़की बना दी। कहा जाता है कि कनकदास ने मंदिर की उसी खिड़की से भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन किए। इसके बाद से यह परंपरा बन गई और आज भी भक्त उसी खिड़की से भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करते हैं।
6. इंफाल, मणिपुर
मणिपुर की राजधानी इंफाल में स्थित गोविंद जी मंदिर, श्री कृष्ण के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। भगवान श्री कृष्ण का यह मंदिर अपने सांस्कृतिक महत्व के साथ आंतरिक संरचना के लिए भी जाना जाता है। यहां पर जन्माष्टमी से कुछ दिन पहले ही भक्तों की भीड़ देखी जा सकती है और लाखों की संख्या में भक्त भगवान श्री कृष्ण के दर्शन के लिए आते हैं। गोविंद जी का यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण के जीवन को प्रदर्शित करता है।
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