Janmashtami 2022: इन प्रतीकों के बिना अधूरे हैं यशोदा के कान्हा, जानें श्रीकृष्ण के 7 शुभ प्रतीक

Shri Krishna Symbol: श्रीकृष्ण का जन्म भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में हुआ है। माथे पर मोर मुकुट, कानों में कुंडल, हाथों में बांसुरी और पीतांबर वस्त्र जैसे प्रतीकों के साथ श्रीकृष्ण का रूप अनोखा है। इसलिए इन प्रतीकों से बिना कान्हा अधूरे हैं।

Shri Krishna Symbols
कृष्ण के शुभ प्रतीक 
मुख्य बातें
  • शुभ प्रतीकों के बिना अधूरे हैं कान्हाजी
  • शुभ प्रतीकों के कारण श्रीकृष्ण को मिला नया नाम
  • गौ ,बांसुरी, वैजंयती माला समेत कई चीजें है श्रीकृष्ण के शुभ प्रतीक

Lord Shri Krishna Auspicious Symbols: भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं। भगवान श्री कृष्ण सोलह कलाओं से पूर्ण हैं। कृष्ण को कुछ चीजें अतिप्रिय हैं। इन चीजों के प्रति कृष्ण को बेहद लगाव है। सभी देवताओं में श्रीकृष्ण का रूप निराला है। जन्म के बाद से हर अवस्था में कृष्ण अपनी अलग-अलग लीलाओं के लिए जाने जाते हैं। गौ के प्रति श्रीकृष्ण का लगाव, बांसुरी, मोरपंख, माखन श्रीकृष्ण के इन सभी चीजों से जुड़ी रोचक कथाएं पौराणिक ग्रंथों में मिलती है। ये सभी चीजें भगवान श्रीकृष्ण के शुभ प्रतीक माने जाते हैं, जिनके बिना श्रीकृष्ण अधूरे हैं। जानते हैं श्रीकृष्ण के ऐसे ही शुभ 7 प्रतीकों के बारे में।

भगवान श्री कृष्ण के 7 शुभ प्रतीक

गौ

यशोदा नंदन श्री कृष्ण को गायों से बहुत लगाव था। धार्मिक अनुष्ठानों में भी पंचगौ अर्थात गाय से जुड़ी पांच चीजें दूध, दही, गोबर, गौमूत्र, घी का उपयोग किया जाता है। गौ के महत्व को बढ़ाने के लिए श्रीकृष्ण ने कई गौशालाओं का निर्माण कराए और गौ पूजा से जुड़े त्योहारों की शुरुआत की। श्रीकृष्ण की प्रतिमा में गाय को भी देखा जाता है।

मुरली या बांसुरी

कृष्ण को बांसुरी अत्यंत प्रिय थी। अपने बाल अवस्था में मन को शांत रखने के लिए और गायों को बुलाने के लिए कृष्ण बांसुरी बजाया करते थे। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान कृष्ण की बांसुरी की आवाज को सुनकर मनुष्य और पशु सभी सम्मोहित हो जाते थे।

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मोर पंख

भगवान कृष्ण को मोर का पंख काफी पसंद था। मोर के पंख को प्रेम और ब्रह्मचर्य का प्रतीक माना गया है। भगवान कृष्ण प्रेम में ब्रम्हचर्य की भावना को प्रदर्शित करने के लिए मोर का पंख धारण करते थे।

कमल का फूल

कमल के फूल को पंकज कहा जाता है अर्थात कीचड़ से जन्म लेने वाला। कमल का फूल भगवान विष्णु को प्रिय हैं। श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं। इसलिए उन्हें कमल का फूल प्रिय है।

वैजंयती माला

वैजंयती के फूल और इसकी माला श्रीकृष्ण हमेशा ही गले में धारण करते थे। इसलिए श्रीकृष्ण की पूजा में वैजयंती फूलों की माला जरूर पहनाएं।

सुदर्शन चक्र

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र परशुराम से प्राप्त हुआ था। श्रीकृष्ण हाथ में सुदर्शन च्रक लिए होते हैं, जिस कराण उनके कई नामों में एक नाम चक्रधारी भी है।

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माखन

भगवान कृष्ण को गौ से बेहद जुड़ाव था। गाय के दूध से बने माखन कृष्ण खूब खाया करते थे। इसके कारण उनका नाम माखनचोर भी पड़ा। श्रीकृष्ण की कई प्रतिमा में वे माखन की मटकी के साथ नजर आते हैं।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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