दिनांक 12 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी है। भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद महीने की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस बात को ध्यान में रखकर ही जन्माष्टमी की तारीख तय होती है। इस दिन पूजा व व्रत का विशेष महत्व है। आज की रात्रि भगवान श्री कृष्ण की पूजा के साथ चंद्रमा के बीज मंत्र का जप करें। मन की एकाग्रता के लिए आज की रात्रि विशेष ध्यान पूजा का भी विधान है। गुरु की शुभता में वृद्धि के लिए श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ भी आवश्यक है।
आइए अब जानते हैं प्रत्येक राशि के अनुसार जन्माष्टमी को दैहिक, दैविक तथा भौतिक संतापों को दूर करने के सरल उपाय -
तुलसी दल प्रभु को जरूर चढ़ाएं
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में यदि तुलसी दल न चढ़ाया जाए तो वह पूजा अधूरी रहती है। इसलिए भगवान को तुलसी जरूर चढ़ाएं। साथ ही इस दिन तुलसी की माला से ही भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र का जाप करना आपकी सारी मनोकामनाओं को पूरा कर देगा।
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