गले, कमर, कलाई आदि अंगों पर काला धागा बांधने की बहुत पुरानी परंपरा है। मान्यता है कि ये बुरी नजर से बचाने के साथ शरीर को सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करता है। तंत्र शास्त्र के अनुसार काला धागा नकारात्मक ऊर्जा को सोखकर अपने भीतर समा लेता है और पहनने वाले की इनसे रक्षा करता है। वहीं काला धागा बांधने को लेकर कई वैज्ञानिक कारण भी जुड़े हुए हैं। शनिवार को काला धागा पहनने से यह अधिक प्रभावशाली होता है। जानते हैं शनिवार को काला धागा पहनने का महत्व और वैज्ञानिक कारण।
काला धागा पहनने की मान्यताएं और विज्ञान
काला धागा शरीर के अंग पर बांधने के पीछे अनेकों मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। वैज्ञानिक कारणों के अनुसार हमारा शरीर पंच तत्व पृथ्वी, वायु, अग्नि और आकाश से मिलकर बना हुआ है। इनसे मिलने वाली ऊर्जा हमारे शरीर का संचालन करती है और इससे हम सभी सुख सुविधाओं को प्राप्त करते हैं। जब किसी व्यक्ति की बुरी नजर हम पर लगती है तो इन तत्वों से मलने वाली सकारात्मक ऊर्जा हम पर असर नहीं करती। जिससे जीवन में स्वास्थ्य के साथ अन्य समस्याएं हमारे सामने उत्पन्न हो जाती हैं। इसलिए बुरी शक्तियों से बचने के लिए शरीर के किसी भी अंग में काला धागा बांधा जाता है।
शनिवार को काला धागा पहनने के फायदे
व्यक्ति को बुरी नजर से बचाने में कारगार काले धागे में असीम शक्ति होती है। बुरी नजरों से काला धागा व्यक्ति को बचाता है। शनिवार के दिन काला धागा पहनने का विशेष महत्व है। इस दिन काला धागा पहनना शुभ होता है। कहा जाता भगवान शनि देव की पूजा के दौरान शनिदेव महाराज के मंत्रों का जाप करते हुए काला धागा पहनें। इससे व्यक्ति पर शनिदेव महाराज की असीम कृपा बनी रहती है और धन धान्य की प्राप्ति होती है।
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