Kamika Ekadashi Vrat Katha: 2021 में कामिका एकादशी व्रत 4 अगस्त को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी के रूप में मनाया जाता है। धर्म के अनुसार इस एकादशी व्रत की कथा पढ़ने से जीवन के सभी पाप धुल जाते है।अपने जीवन में किए गए पापों का नाश करने के लिए यह एकादशी सबसे लाभकारी है। अगर आप किसी कारण बस व्रत नहीं कर पा रहे है, तो उस दिन कामिका एकादशी व्रत की कथा जरूर पढ़ें। आपकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण हो जाएंगी। तो आइए जानें कामिका एकादशी व्रत की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार जब युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा कि हे प्रभु सावन मास के कृष्ण पक्ष में जो एकादशी आती है, वह कौन सी एकादशी है और उसकी कथा क्या है। कृपया करके हमें बताएं। तब श्री कृष्ण ने कहा हे राजन सावन मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को कामिका एकादशी कहते है।
इस दिन भगवान विष्णु की की पूजा आराधना करने से सभी कार्य सिद्ध होते है। इस एकादशी का व्रत करने से जीवन की समस्याएं शीघ्र दूर हो जाती है। यह एकादशी हजार गोदान के समान पुण्य फल की प्राप्ति कराने के साथ-साथ जीवन में सुख समृद्धि लाता हैं। भगवान श्री कृष्ण ने तब युधिष्ठिर से कथा यथावत सुनाया।
उन्होंने कहा किसी गांव में एक ठाकुर और एक ब्राह्मण रहते थे। दोनों ही एक-दूसरे से बिल्कुल नहीं बनती थी। एक दिन ठाकुर और ब्राह्मण का झगड़ा हो गया और गुस्से में आकर ठाकुर ने ब्राह्मण की हत्या कर दी। ब्रह्म हत्या के पाप से दुखी होकर ठाकुर ने ब्राह्मण का अंतिम संस्कार करने की कोशिश की।
लेकिन दूसरे ब्राह्मणों ने उसे ऐसा नहीं करने दिया। ब्रह्म हत्या का दोषी होने के कारण ब्राह्मणों ने उसके यहां भोजन करने से मना कर दिया। तब दुखी होकर ठाकुर पाप से मुक्त होने के लिए एक ऋषि के पास गया। उसने पूछा हे ऋषि मैंने एक ब्राह्मण की हत्या कर दी है। इस हत्या के पाप से मुक्त होने के लिए मुझे क्या करना पड़ेगा।
तब ऋषि कहे, हे राजन तुम्हें एक ही व्रत इस पाप से मुक्त करा सकता है। वह कामिका एकादशी व्रत है। तब ऋषि की आज्ञा मानकर ठाकुर ने कामिका एकादशी व्रत करना शुरू कर दिया। ठाकुर के व्रत से प्रसन्न होकर भगवान उसे दर्शन दिए और कहे की तुम्हारे पापों का प्रायश्चित हो गया है। अब तुम ब्राह्मण की हत्या से मुक्त हो चुके हो।
कामिका एकादशी व्रत करने से हर तरह के पाप से मुक्ति मिलती है। यह अश्वमेध यज्ञ समान फल प्राप्त कर आता है। एकादशी व्रत जीवन की नकारात्मकता को दूर करता है। यह जीवन के अंधकार को दूर कर उज्जवल प्रकाश फैलाता हैं।
कामिका एकादशी का महत्व
इस दिन भगवान श्री हरि की पूजा आराधना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्रीहरि की पूजा सच्चे मन से करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। व्यक्ति का जीवन सुखमय व्यतीत होने लगता है। कामिका व्रत की कथा सुनने मात्र से हजार गोदान के बराबर फल की प्राप्ति होती है। अगर आप भगवान श्री हरि की कृपा दृष्टि अपने और घर पर बनाए रखना चाहते हैं तो कामिका एकादशी व्रत आस्था के साथ जरूर करें।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल