श्री कृष्ण से जुड़ी कथाओं में उनके दाऊ यानी बलराम को एक विशिष्ट स्थान दिया गया है। बलराम जिन्हें बलभद्र, दाऊ इत्यादि नामों से जाना जाता है, वह श्री कृष्ण के बड़े भाई और देवी रेवती के पति हैं। बलराम को शक्ति का प्रतीक माना जाता है जिन्हें एक आज्ञाकारी पुत्र एक आदर्श भाई एक अच्छा पति इन सभी रूप में देखा जाता है। उनके हाथों में हल होता है और वह शरीर पर नीला वस्त्र होता है।
बलराम को भीम और दुर्योधन का गुरु कहते हैं। साथ ही उनको किसानों का देवता भी माना जाता है। यहां हम आपको बलराम से जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं।
बलराम जयंती और इसकी पूजा विधि
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी पर बलराम जयंती मनाई जाती है। इस दिन महुआ के दातुन से अपने दांत साफ करने चाहिए और उसके बाद ही स्नान करना चाहिए। बलराम जयंती के दिन घर को भैंस के गोबर से लिपने का रिवाज है। कम से कम पूजा स्थल पर गोबर लेपन जरूर करें। बलराम जयंती के दिन भगवान गणेश और माता गौरी के साथ भगवान शिव की विधिवत पूजा करनी चाहिए। घर में पूजा के बाद तालाब के किनारे झरबेरी, पलाश और कांसी का पेड़ लगाने का भी रिवाज हैं।
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