Chanakya Niti for Successful Career: करियर में सफलता चूमेगी आपके कदम, बस याद रखें आचार्य चाणक्य के ये चार उपाय

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने कार्य क्षेत्र पर सफल होने के कई उपाय बताये हैं। आचार्य कहते हैं कि, किसी कार्य स्‍थल पर किसी कार्य को पूरा करना हो या फिर लोगों से दोस्‍ती करना। कुछ चीजों का ध्‍यान रखना जरूरी होता है। इन उपायों को अपनाने वाले व्‍यक्ति को सफलता जल्‍दी मिलती है।

Chanakya Niti
करियर को सफल बनाने के चार चाणक्‍य मंत्र   |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • कार्यस्‍थल पर ज्‍यादा ईमानदारी बन सकती है मुसीबत का कारण
  • अपनी सफलता का राज दूसरे को बताना खुद को नुकसान पहुंचाना
  • कोई भी कार्य शुरू करने से पहले उसके बारे में अच्‍छे से समझ लें

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य का नीतिशास्‍त्र सदियों बाद भी लोगों को सफलता का रास्‍ता दिखा रही है। इस शास्‍त्र में घर-परिवार से लेकर कार्यस्‍थल तक सफलता प्राप्‍त करने के कई उपाय बताये गए हैं। इन उपायों को अपना कर कोई भी व्‍यक्ति सफलता के रास्‍ते में आने वाली रूकावटों को दूर कर रास्‍ते को आसान बना सकता है। नीतिशास्‍त्र में आचार्य चाणक्‍य ने कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्‍त करने के भी कई उपाय बताए हैं। इन उपायों को अपनाकर व्‍यक्ति अपने जॉब और करियर को सफल बना सकता है।

बहुत ईमानदारी मुसीबत

आचार्य चाणक्‍य के अनुसार कार्य क्षेत्र के अंदर किसी भी व्यक्ति को बहुत ज्‍यादा ईमानदार बनना सही नहीं होता है। क्‍योंकि ऐसे लोगों पर ही सबसे पहले आरोप लगाए जाते हैं। इसलिए ऑफिस में व्‍यक्ति को कभी भी बहुत ज्यादा ईमानदार नहीं बनना चाहिए। अगर ऑफिस में कुछ गलत हो रहा है तो अपने विचार जरूर रखें, लेकिन अपने हित का भी ध्‍यान रखें।

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कार्य को पहले समझें, फिर शुरू करें

आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि किसी भी नए कार्य को शुरू करने से पहले उसे अच्‍छी तरह से समझ लेना जरूरी होता है। व्‍यक्ति को हमेशा खुद से ये तीन सवाल जरूर पूछना चाहिए कि, मैं यह काम क्यों कर रहा हूं, इसका परिणाम क्या रहेगा और सफलता मिलने की क्‍या संभावना है। अगर व्‍यक्ति को इन प्रश्‍नों के उत्‍तर मिल जाए, तो वह नए काम शुरू कर सकता है।

कार्य को कभी बीच में न छोड़ें

आचार्य चाणक्‍य का मानना है कि अगर कार्य को शुरू कर दिया गया तो उसे बीच में कभी नहीं छोड़ना चाहिए। कार्य के दौरान बाधाएं तो आएंगी ही, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आने वाली बाधाओं से घबराकर उसे बीच में छोड़े दें । याद रखें, कार्य कोई भी हो, लेकिन लोग याद तभी रखते हैं जब वह पूरा हो जाता है।

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कार्य स्‍थल की दोस्‍ती स्‍वार्थभरा

चाणक्‍य नीति कहते हैं कि व्‍यक्ति को यह ध्‍यान रखना होगा कि हर संबंध के पीछे कोई न कोई स्‍वार्थ छुपा होता है। कार्यस्‍थल की ज्‍यादातर दोस्‍ती खास तौर पर स्‍वार्थ पर ही टिकी होती है। इसलिए अपने मित्रों का चयन ध्यान पूर्वक करें। साथ ही अपने सफलता या आगे बढ़ने का राज किसी को न बताए। नहीं तो आप पीछे रह जाएंगे और आपका दोस्‍त आपका बॉस बन जाएगा।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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