Shubh Muhurat to place ganesha idol : गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करके उनकी पूजा प्रारंभ की जाती है। 9 दिन तक चलने वाली यह पूजा भारत तथा विदेशों में गणेश भक्तों के लिए एक उत्सव जैसा है। ठीक दसवें दिन विधि विधान से गणेश जी की प्रतिमा विसर्जित की जाती है।
किसी भी पूजा या अनुष्ठान का आरंभ इन्हीं की पूजा से होता है। महाराष्ट्र में तो यह पर्व एक महान उत्सव की तरह पूरी श्रद्धा से मनाया जाता है। गणेश जी का यह जन्मोत्सव गणेश चतुर्थी के रूप में भक्तों को धन, धान्य तथा मनोवांछित फल प्रदान करता है । व्यवसाय में उन्नति, करियर में सफलता, शिक्षा में उन्नति तथा आरोग्यता के लिए यह व्रत अमृत के समान है। दिनांक 2 सितंबर की गणेश चतुर्थी है।
गणेश मूर्ति स्थापना करने का शुभ मुहूर्त-
अमृत चौघड़िया में सुबह 6:10 से 7:44 तक
अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:01 से 12:55 तक
लग्न कन्या में प्रात: 7:10 बजे से सुबह 9:26 तक
चर लग्न तुला मे 9:26 से 11:44 तक
धनु द्विस्वभाव लग्न दोपहर 2:03 से 4:07 बजे तक
चर लगन मकर में शाम 4:08 बजे से 5:50 बजे तक के बीच में
मूर्ति स्थापित करने की सही विधि-
कैसा होना चाहिये पूजा स्थल
गणपति को विराजमान करने के लिये पहले कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं। चार हल्दी की बंद लगाएं। एक मुट्ठी अक्षत रखें। इस पर छोटा बाजोट, चौकी या पटरा रखें। लाल, केसरिया या पीले वस्त्र को उस पर बिछाएं। रंगोली, फूल, आम के पत्ते और अन्य सामग्री से स्थान को सजाएं। तांबे का कलश पानी भर कर, आम के पत्ते और नारियल के साथ सजाएं। यह तैयारी गणेश उत्सव के पहले कर लें।
धर्म व अन्य विषयों की Hindi News के लिए आएं Times Now Hindi पर। हर अपडेट के लिए जुड़ें हमारे FACEBOOK पेज के साथ।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल