Vastu Tips For Broom at Home: साफ-सफाई के लिए झाड़ू का इस्तेमाल हर घर पर किया जाता है। कहा जाता है कि जिस घर पर साफ-सफाई होती है वहां मां लक्ष्मी वास करती हैं। धार्मिक दृष्टिकोण से भी झाड़ू का खास महत्व होता है और इससे घर की बरकत जुड़ी होती है। बात करें वास्तु शास्त्र की तो, घर की हर एक चीज से वास्तु जुड़ी होती है। यदि घर की चीजें वास्तु के अनुसार होती है तो, घर सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। इससे घर-परिवार में खुशहाली का माहौल और धन-संपदा बनी रहती है। वास्तु में झाड़ू का भी खास महत्व होता है। वास्तु के अनुसार, घर पर झाड़ू लगाने का तरीका से लेकर इसकी दिशा के बारे में भी बताया गया है। क्योंकि झाड़ू का घर की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि घर पर झाड़ू लगाने का सही तरीका और समय क्या है। साथ ही वास्तु के अनुसार झाड़ू को किस दिशा में रखना बेहतर माना जाता है।
इन बातों का रखें ध्यान
झाड़ू लगाने का सही तरीका
जाने-अनजाने में लोग घर पर गलत तरीके से झाड़ू लगा देते हैं, जिससे कि मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है। झाड़ू लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि झाड़ू खराब या टूटी-फूटी ना हो। साथ ही झाड़ू लगाते समय उसे पैर से न मारे, क्योंकि झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि झाड़ू को सीधे खड़े होकर भी नहीं लगाना चाहिए। झाड़ू लगाते समय हमेशा थोड़ा झुककर लगाना चाहिए।
झाड़ू लगाने का उचित समय
वास्तु में झाड़ू लगाने के उचित समय के बारे में जिक्र किया गया है। दरअसल दिन और रात दोनों के चार पहर होते हैं। दिन के चार पहर में झाड़ू लगाना उचित और सही माना जाता है। लेकिन रात के चार पहर में भूलकर भी झाडू न लगाएं और ना ही घर की साफ-सफाई करें। दरअसल रात के चार पहर में झाड़ू लगाने से घर पर दरिद्रता पैर पसारती है और घर पर आर्थिक संकट छा जाता है। मां लक्ष्मी भी इन समय पर झाड़ू लगाने से रुष्ट हो जाती है। बता दें कि रात के चार पहर में पहला पहर- शमा 6-9 बजे, दूसरा पहर- रात 9-12, तीसरा पहर रात 12-3 औऱ चौथा पहर रात 3 से सुबह 6 तक का माना जाता है।
यानि शाम 6 बजे के बाद से घर पर झाड़ू लगाना वास्तु के अनुसार अनुचित होता है। झाड़ू लगाने के लिए सबसे उत्तम समय सुबह से लेकर पूरे दिनभर का होता है। आप दिन के चार पहर में कभी भी झाड़ू लगा सकते हैं। लेकिन शाम ढलने और सूर्यास्त के बाद झाड़ू नहीं लगाना चाहिए।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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