Pitru Paksha 2022 Crow Importance: हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल पितृपक्ष की शुरुआत 10 सितंबर से होगी। पितृपक्ष में लोग अपने पूर्वजों को याद करके उनकी मृत्यु की तिथि पर उनको याद करते हैं। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार पितृपक्ष में लोग अपने पितरों को पिंड दान करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए ब्राह्मण भोज करवाते हैं। पितृपक्ष में कौए की अहमियत काफी बढ़ जाती है। ऐसी मान्यता है कि कौआ यम का प्रतीक होता है। पितृ पक्ष में कौए को खाना खिला कर पितरों को तृप्त किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि अगर पितृपक्ष में घर के आंगन में कौआ आकर बैठ जाए तो यह अत्यंत शुभ संकेत होता है और अगर कौआ आपका दिया हुआ भोजन खा लें तो यह अत्यंत शुभ होता है। इसका अर्थ है कि पितृ आपसे बेहद प्रसन्न हैं और आपको ढेर सारा आशीर्वाद देकर गए हैं। आइए जानते हैं पितृपक्ष में कौए का क्या महत्व है।
Also Read- Panchang Today, 17 अक्टूबर 2021 पंचांग: रविवार का पंचांग, जानिए दिन की ग्रह स्थितियां और शुभ मुहूर्त
यमराज का प्रतीक है कौआ
हिंदू शास्त्रों के मुताबिक कौए को यमराज का संदेश वाहक माना गया है। कौए के माध्यम से ही पितृ आपके पास आते हैं। भोजन करते हैं और आशीर्वाद देते हैं। कौआ यमराज का प्रतीक होता है। पितृपक्ष के दौरान कौए को भोजन खिलाना यानी अपने पितरों को भोजन खिलाने के बराबर होता है। पितृपक्ष में कौए को रोजाना भोजन करवाना चाहिए। इससे आपके हर बिगड़े काम बनने लगेंगे।
पीपल के पेड़ का भी है महत्व
पितृ पक्ष के समय यदि कौआ नहीं मिलता है तो आप कुत्ते या गाय को भी भोजन खिला सकती हैं। इसके अलावा पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने का भी विशेष महत्व है। पीपल को भी पितृ का प्रतीक माना गया है। ऐसे में पीपल को जल अर्पित करके पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है।
Also Read- Rishi Panchami 2022 Katha: क्यों रखा जाता है ऋषि पंचमी का व्रत? माहवारी से जुड़ी है इस व्रत की कथा
कौए का है विशेष महत्व
हिंदू धर्म में कौए का अधिक महत्व बताया गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कौए की कभी भी स्वाभाविक मृत्यु नहीं होती हैं। कौए की मृत्यु कभी भी बीमारी व वृद्धावस्था से नहीं होती है। इनकी मृत्यु आकस्मिक रूप से होती हैं। ऐसा भी कहा गया है कि कौए की मृत्यु हो जाने के बाद उस दिन कौए के बाकी साथी भोजन नहीं करते हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल