Aarti Kunj BIhari ki Lyrics in Hindi: कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दिन का मुहूर्त 11 अगस्त से शुरु होकर 12 अगस्त तक है और इस मौके पर लोग कान्हा के जन्मदिवस को याद करते हुए उनकी पूजा करते हैं। भगवान कृष्ण को टीका, फूल चढ़ाकर प्रसाद अर्पण किया जाता है और इसके बाद उनकी आरती भी की जाती है।
अगर आप कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर भगवान की आरती करना चाहते हैं और आपको बोल याद नहीं हैं तो यहां दिए गए हिंदी लिरिक्स की मदद से आरती पढ़ सकते हैं।
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।
गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की,
आरती कुंजबिहारी की...........
कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं,
गगन सों सुमन रासि बरसै,
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की.......
जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की,
आरती कुंजबिहारी की........
चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की......
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की,
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।
ऊपर दिए गए वीडियो में आप आरती का वीडियो भी देख सकते हैं और इसमें सुरीले संगीत के साथ लोकप्रिय आरती को सुन भी सकते हैं, जिसे अनुराधा पौडवाल ने गाया है।
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