Baglamukhi Jayanti: वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मां बगलामुखी देवी की जयंती मनाई जाती है क्योंकि आज ही के दिन वह प्रकट हुईं थी। मां बगुलामुखी दस महाविद्याओं में से एक हैं। जैसे हर देवी देवता का एक अहम रंग होता है वैसे ही माता बगलामुखी का पसंदीदा रंग पीला है। ग्रंथों के अनुसार इन्हें पीला रंग पसंद है इसलिये इन्हें पितांबरा के नाम से भी पुकारा जाता है। इनकी पूजन सामग्री में पीले रंग की खास चीजं प्रयोग में लाई जाती हैं।
मां बगलामुखी देवी की कृपा जिस पर भी पड़ती है उसके शत्रु का नाश हो जाता है और उसके जीवन में आई हर तरह की परेशानी दूर हो जाती है। यही नहीं इनकी कृपा से बुरी नजर और बुरी शक्तियों से भी बचाव होता है। देवी मां की पूजा जब भी करें तो बड़ी ही सावधानी बरतें। इनकी पूजा के लिये किसी ब्राह्मण का मार्गदार्शन चुनें। साथ ही, देवी के भक्तों को साफ-सफाई और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अब आइये जानते हैं मां बगलामुखी देवी की पूजा विधि एवं मंत्र जाप-
पूजन विधि
मंत्र- श्रीं ह्रीं ऐं भगवती बगले मे श्रियं देहि देहि स्वाहा। इस मंत्र का जाप सही उच्चारण के साथ करें। अगर जाप करने में कोई परेशानी आ रही हो तो किसी अन्य ब्राह्मण से जाप करवा सकते हैं।
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