Mahashivratri 2022 things to remember while handling Rudrakasha : हिंदू मान्यताओं, धर्म, शास्त्रों और पुराणों में रुद्राक्ष का काफी महत्व बताया गया है। रुद्राक्ष साक्षात भगवान शिव का अंश माना गया है। शिव पुराण के अनुसार, मान्यता है कि रुद्राक्ष शिव के आंसुओं से बने हैं। इसका उल्लेख शिव पुराण में विस्तृत रूप से दिया गया है।
मान्यताओं के अनुसार माता सती के देह त्यागने के बाद भगवान शिव के रुदन से निकले आंसू पृथ्वी पर कई जगह गिरे और उनसे प्रकृति को रुद्राक्ष के रूप में एक चमत्कारिक तत्व की प्राप्ति हुई थी। यह भगवान शिव का साक्षात रूप है। रुद्राक्ष शरीर के किस भाग पर कितने पहने चाहिए और उसका क्या फल होता है, इसका शिव-पुराण में वर्णन दिया गया है। इसके चमत्कारिक लाभ भी होते है।
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(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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