Mahashivratri 2022 Shivling Puja: महाशिवरात्रि के दिन इस तरह शिवलिंग पर चढ़ाएं जल, भोलेनाथ की बरसेगी कृपा

Mahashivratri 2022, Shivling Puja Vidhi: महाशिवरात्रि का पर्व इस वर्ष 01 मार्च को मनाया जा रहा है। यदि आप भी महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं, तो आपको इनके नियम जरूर जानने चाहिए।

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Mahashivratri 2022 (Pic: iStock) 
मुख्य बातें
  • इस साल 01 मार्च को मनाई जा रही है महाशिवरात्रि।
  • महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं।
  • यहां आप शिवलिंग पर जल अर्पित करने का सही तरीका जान सकते हैं।

Mahashivratri 2022 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat And Shivalinga Puja: हिंदू शास्त्र में हर पूजा के खास नियम होते हैं। महाशिवरात्रि का पर्व इस वर्ष 01 मार्च को है। अधिकांश लोग इस दिन शिवलिंग पर जल अर्पित करके उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, शिवलिंग पर जल अर्पित करने के लिए भी खास नियम बनाएं गए हैं। अगर नहीं, तो आपको शिवलिंग पर जल अर्पित करने से पहले इस खास नियम को जरूर जानना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि, सही तरीके से शिवलिंग पर जल अर्पित करने से त्रिलोकीनाथ बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं। तो आइए महाशिवरात्रि से पहले शिवलिंग पर जल अर्पित करने के नियमों को जान लें।

शिवलिंग पर जल अर्पित करने के नियम

1.  शिवलिंग पर जल चढ़ाने की सही दिशा

हिंदू शास्त्र के अनुसार, शिवलिंग पर जल चढ़ाते वक्त हमेशा अपना मुंह उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए। उत्तर दिशा भगवान शिव का मुख्य प्रवेश द्वार माना जाता है। इस ओर मुख करके जल अर्पित करने से शिव के द्वार में अवरोध होता है। उत्तर दिशा भोलेनाथ का बांया अंग माना जाता है। बांया अंग मां पार्वती को समर्पित है। इस ओर मुख करके जल देने से भगवान शिव के साथ माता पार्वती का भी आशीर्वाद मिलता है।

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2.  जल अर्पित करने का सही पात्र

शिवलिंग पर जल अर्पित करने के लिए सही पात्र का होना बेहद जरूरी होता है। पंडितों के अनुसार, शिवलिंग पर जल अर्पित करने के लिए सबसे सही पात्र तांबे होता है। लेकिन तांबे के पात्र में भोलेनाथ को दूध कभी में नहीं चढ़ाना चाहिए। तांबे में दूध विष के समान बन जाता है।

3. तेज धार में भूलकर ना चढ़ाएं जल

हिंदू शास्त्र के अनुसार, शिवलिंग पर जल अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। लेकिन शिवलिंग पर कभी भी तेज धार से जल अर्पित नहीं करना चाहिए। पतली धार से शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

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4.  बैठकर अर्पित करें जल

पंडित के अनुसार, कभी भी शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय खड़ा नहीं रहना चाहिए। वेद पुराण के अनुसार, खड़े होकर शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त नहीं होती है।

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5. शिवलिंग पर शंख से जल ना करें अर्पित

शिवलिंग पर कभी भी शंख से जल नहीं अर्पित करना चाहिए। विष्णु पुराण के अनुसार, शिव जी ने शंख चूर नाम के दैत्य का वध शंख से ही किया था। ऐसी मान्यता है कि शंख दैत्य की हड्डियों से बना हुआ है।

6. जल में कुछ ना मिलाएं

पंडित के अनुसार, शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय कभी भी किसी प्रकार की सामग्री- जैसे रोली, चंदन और फूल नहीं मिलाना चाहिए। ऐसा करने से जल की पवित्रता समाप्त हो जाती है। शिवलिंग पर हमेशा सादा जल अर्पित करने चाहिए।

डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।

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