Mango Wood Importance for Havan: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और कई शुभ कार्यों पर हवन या यज्ञ करने का विधान है। हवन को धार्मिक दृष्टिकोण से काफी शुभ माना जाता है। धार्मिक अनुष्ठान, गृहशांति, सत्यनारायण कथा जैसे कई शुभ कार्यों के दौरान हवन किया जाता है। हवन के दौरान पवित्र अग्नि में घी, कपूर, लौंग, मिश्री, अक्षत, इलायची, ब्राह्मी, मुलेठी जैसी कई सामग्रियों को आम की लकड़ी के साथ जलाया जाता है। इसके बाद पुरोहित या पुजारी द्वारा मंत्रों के उच्चारण के साथ हवन की जाती है। कहा जाता है कि हवन से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और घर से नकारात्मकता दूर होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर हवन में केवल आम की ही लकड़ी का प्रयोग क्यों किया जाता है। क्या है इसके पीछे की वजह ? जानते हैं इस बारे में विस्तार से...
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क्यों कराया जाता है हवन
सबसे पहले जानते हैं कि आखिर हवन क्यों कराया जाता है। दरअसल हवन हिंदू धर्म से जुड़ी एक ऐसी प्रथा है जोकि हर भारतीय घर पर होती है। नए स्थान पर प्रवेश करने, नए कार्य का शुभारंभ करने, नया ऑफिस या नया घर खरीदने के बाद या फिर किसी विशेष अनुष्ठान के मौके पर हवन कराया जाता है। हवन कराने से नए स्थान का शुद्धिकरण होता है और नकारात्मकता दूर होती है। इसके अलावा विवाह, बच्चे के जन्म बाद भी हवन कराया जाता है। मृत्यु के बाद भी हवन कराने का विधान है। कहा जाता है कि मृत्यु पश्चात हवन कराने से मृत व्यक्ति के आत्मा को शांति मिलती है।
हवन में क्यों होचा है आम की लकड़ी का प्रयोग
अन्य पेड़ों की लकड़ियों की अपेक्षा आम की लकड़ी में कार्बन डाइऑक्साइड बहुत कम मात्रा में निकलती है और यह ज्वनशील अधिक होती है। रिसर्च के अनुसार, आम की लकड़ी में फॉर्मिक एल्डिहाइट नाम की गैस निकलती है जोकि वातारवण में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया और जीवाणुओं को मारती है। आम की लकडी से जो धुंआ निकलता है वह सेहत के लिए खतरनाक नहीं होती बल्कि इससे शरीर शुद्ध होता है। इससे फेफड़े और श्वास संबंधी समस्या भी दूर होती है।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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