Tirupati Balaji: तिरुपति मंदिर से जुड़े हैं कई रहस्य, पोंछने पर भी नहीं सूखती भगवान की पीठ

आध्यात्म
Updated Dec 13, 2019 | 07:30 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

बालाजी भगवान (Balaji) विष्णु के अवतार माने गए हैं और इन्हें संपूर्ण ब्रह्मांड का स्वामी माना जाता है। तिरुमाला पर्वत पर स्थित भगवान तिरुपति बालाजी का मंदिर हिंदू धर्म में सबसे बड़ा तीर्थस्थल माना गया है।

Tirupati Balaji
Tirupati Balaji 
मुख्य बातें
  • तिरुपति जी को चढ़ी वस्तु जलकुंड से बह कर बाहर आती है
  • प्रभु को एक जगह के ही फूल और भोग के सामान चढ़ते हैं
  • सदियों से मंदिर में जल रहा चिराग कभी नहीं बुझता

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में प्रभु विष्णु ने कुछ समय के लिए स्वामी पुष्करणी नामक तालाब के किनारे अपना निवास बनाया था। तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्त धन ही नहीं बाल भी अर्पित कर अपनी भक्ति का प्रदर्शन करते हैं। तिरुपति के चारों ओर स्थित पहाड़ियां शेषनाग के सात फन मानी गईं हैं और यही कारण है कि इसका नाम सप्तगिरि कहा गया है। श्री वेंकटेश्वरैया का यह मंदिर सप्तगिरि की 7वीं पहाड़ी पर स्थित है, जो वेंकटाद्री नाम से भी जाना जाता है। यहां भक्त अपनी इच्छा से भगवान के सामने हंडी में अपना दान रखते हैं।

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि तिरुपति मंदिर में सबसे ज्यादा दान चढ़ता है लेकिन ये मंदिर कर्जदार है। इस मंदिर से जुड़ी कई रोचक बातें भी हैं। आइए जानें तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में 11 रोचक बातें।

1. तिरुपति बालाजी के सिर के बाल रेशमी हैं और स्नान के बाद भी उनके बाल कभी उलझते नहीं। वह चमकदार और सुलझे हुए ही रहते हैं।

2. मंदिर के मुख्यद्वार के दाहिनी ओर और बालाजी के सिर पर एक निशान है जो कथाओं के अनुसार अनंताळवारजी के मारने से बने थे।

3. बालाजी के मंदिर से करीब 23 किलोमीटर दूर एक गांव है। इस गांव में कोई भी बाहरी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता। खास बात ये है कि इस गांव से ही भगवान को फूल और दूध-दही,घी-मक्खन आदि जो भी प्रसाद का सामान हो जाता है। कहीं अन्यंत्र से आई कोई भी चीज भगवान को नहीं चढ़ाई जाती।

4. भगवान बालाजी को जब बाहर से देखा जाता है तो वह गर्भगृह के मध्य भाग में खड़े दिखते हैं, लेकिन असल में वह दाहिनी ओर कोने में खड़े हैं।

5. तिरुपति बालाजी को प्रतिदिन धोती और साड़ी पहनाई जाती है।

6. भगवान को जो कुछ भी चढ़ाया जाता है वह कभी बाहर नहीं लाया जाता। गृभगृह में चढ़ाई गई वस्तु बालाजी के पीछे जलकुंड से बाहर निकलती है।

7. बालाजी की पीठ कभी सूखती नहीं। उनकी पीठ को चाहे कितनी बार भी पोंछ दिया जाए वह गीली ही रहती है। इतना ही नहीं उनकी पीठ पर कान लगाने से समुद्र घोष सुनाई देता है।

8. बालाजी की छाती पर मां लक्ष्मी का निवास होता है। हर गुरुवार को निजरूप दर्शन के समय जब भगवान का चंदन से श्रृंगारक किया जाता है तो उनकी छाती पर मां लक्ष्मी की छवि नजर आती है।

9. बालाजी को अर्पित होने वाली वस्तुएं जब जलकुंड में बाहर आती हैं तो वह करीब तिरूपति से 20 किलोमीटर दूर वेरपेडु में बाहर आती हैं।

10. गर्भगृह में जलने वाली चिराग हजारों सालों से जल रही है। ये कभी नहीं बुझती और यह कब से जल रही है इसकी जानकारी किसी को नहीं।

11. 1800 में मंदिर पर एक राजा ने कई लोगों को मार कर लटका दिया था तब मंदिर को 12 साल के लिए बंद कर दिया गया था तब भगवान वेंकेटेश्वर यहां प्रकट हुए थे। भगवान तिरुपति बालाजी के मंदिर के रसोईघर से जुड़ी भी कई रोचक बाते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु कभी बिना प्रसाद ग्रहण किए नहीं जाते।

 

 

 

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