Muharram 2020: मुहर्रम में क्‍यों मनाया जाता है मातम? जानें कब से शुरू हो रहा इस्लामिक न्यू ईयर

Islamic New Year: मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है, जिसके साथ ही इस्‍लाम धर्म के अनुसार, नए साल की शुरुआत होती है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार साल में 12 महीने होते हैं।

Islamic New Year
सांकेतिक फोटो 
मुख्य बातें
  • मुहर्रम इस्‍लामिक कैलेंडर का पहला महीना है
  • मुहर्रम से इस्‍लामिक न्यू ईयर की शुरुआत होती है
  • मुहर्रम की दसवीं तारीख को मातम मनाया जाता है

इस्‍लामिक कैलैंडर के अनुसार, जल्‍द ही नए साल का आगाज होने वाला है। इसकी शुरुआत मुहर्रम से होती है, जो इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है। इस्लामिक कैलेंडर को हिजरी कैलेंडर भी कहा जाता है। इस्लामिक कैलेंडर चांद के हिसाब से चलता है, जिसमें 12 महीने होते हैं। इस कैलेंडर की खास बात ये है कि जहां ईस्वी कैलेंडर में नई तारीख की शुरुआत रात को 12 बजे से होती है, वहीं हिजरी कैलेंडर में नई तारीख की शुरुआत सूरज डूबने के बाद यानि मगरिब के वक्त से होती है। इस कैलेंडर का इस्लाम धर्म में बहुत महत्व है, क्योंकि इसी के हिसाब से सभी इस्‍लामिक त्‍योहार मनाए जाते हैं।

कब शुरू होगा इस्लामिक न्यू ईयर?

इस्लाम में नई तारीख की शुरुआत चांद दिखने पर होती है। ऐसे में चांद के दीदार के आधार पर 20 (गुरुवार) या फिर 21 अगस्त (शुक्रवार) को इस्लामी नया साल शुरू होगा। चांद महीने की 29 तारीख को नजर आ सकता है और 30 तारीख को भी। अगर 30 तारीख को चांद नहीं दिखता है तो सूर्य डूबने के बाद पहली तारीख मान ली जाती है। यह इस्लामिक कैलेंडर का नया साल 1442 हिजरी शुरू होगा। इस्लाम धर्म के आखरी पैगंबर हजरत मोहम्मद के मक्का से मदीना जाने के समय से हिजरी सन को इस्लामी साल का आरंभ माना गया है। 

मुहर्रम में क्‍यों मनाया जाता है मातम?

मुहर्रम से जहां एक तरफ इस्लामिक न्यू ईयर की शुरुआत होती वहीं इसी महीने की दसवीं तारीख को मातम मनाया जाता है। यह मातम पैगंबर हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत के गम में मनाया जाता है। दरअसल, मुहर्रम महीने की 10 तारीख को कर्बला की जंग में इमाम हुसैन की शहादत हुई थी। इस जंग में  उनके 72 साथियों को भी शहीद कर  दिया गया था। कर्बला की जंग हजरत इमाम हुसैन और यजीद की सेना के बीच हुई थी। मुहर्रम में मुसलमान हजरत इमाम हुसैन की इसी शहादत को याद करते हैं। वहीं, शिया मुस्लिम समुदाय के लोग 10 तारीख को बड़ी तादाद में जुलूस निकालकर गम मनाते हैं। मुहर्रम की 10 तारीख को यौमे आशुरा भी कहा जाता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अगली खबर