Muktagiri Jain Temple: मध्य प्रदेश का चमत्‍कारी मंदिर, जहां होती है केसर और चंदन की बारिश

आध्यात्म
Updated Sep 08, 2018 | 10:09 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

इस मंदिर में होने वाले चमत्कार की बात करें तो ऐसी मान्यता है कि यहां हर अष्टमी चौदस को केसर और चन्दन की बारिश होती हैं। जी हाँ चौंक गए ना आप पर यह बात सच है।

 Muktagiri Jain Teerth Temple
Muktagiri Jain Teerth Temple  |  तस्वीर साभार: Instagram

Muktagiri Jain Teerth Temple (दिगंबर मुक्तागिरी जैन मंदिर): अपने देश में ऐसे कई मंदिर हैं जो आस्था के केंद्र तो हैं ही लेकिन उससे ज्यादा वे अपने चमत्कार के कारण प्रसिद्ध हैं। लोग इन तीर्थ स्थलों पर पूजा कर साथ साथ भगवन के चमत्कार का साक्षात दर्शन करने के लिए आते हैं। आज हम बात कर रहे हैं मुक्तागिरी जैन तीर्थ की, जो मध्य प्रदेश में बैतुले जिले में स्थित है।  

मुक्तागिरी मंदिर सतपुड़ा के घने जंगलों के बीच में बसा है और यहां पर प्रकृति का नजर देखते ही बनता है। पास में ही एक झरना स्थित है जहाँ लगभग 250 मीटर की ऊंचाई से पानी की धारा गिरती है जो इस जगह को और रमणीक बना देती है। 

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इस मंदिर में होने वाले चमत्कार की बात करें तो ऐसी मान्यता है कि यहां हर अष्टमी चौदस को केसर और चन्दन की बारिश होती हैं। जी हाँ चौंक गए ना आप पर यह बात सच है। लोक कथाओं के अनुसार हजारों साल पहले एक बार यहां मुनि ध्यान में मग्न थे और उनके सामने ही एक मेंढक पहाड़ की छोटी से गिर कर मर गया। मुनि ने उसके कान में णमोकार मंत्र का जाप किया जिससे उस मेंढक को स्वर्ग में देवगति की प्राप्ति हुई। तभी से इस पर्वत श्रंखला का नाम मेढ़ागिरी पर्वत पड़ गया।

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मृत्यु के बाद जब वो मेंढक मुनि के दर्शन के लिए आया तो उस दिन केसर और चन्दन की बारिश हुई। तभी से ऐसी मान्यता प्रचलित है कि हर अष्टमी चौदस को यहां केसर-चन्दन की बारिश होती है। 

 
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इस पूरी पर्वत श्रेणी पर लगभग 52 छोटे बड़े मंदिर हैं जिसमें सबसे ज्यादा भीड़ मुक्तागिरी तीर्थ धाम में होती है। इस मंदिर के द्वार तक पहुंचने में लगभग 600 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती है।

साल में किसी भी समय आकर आप इस मंदिर में भगवान के दर्शन कर सकते हैं लेकिन अष्टमी चौदस के दिन यहां दर्शन करना बहुत अच्छा माना जाता है।  

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