Navratri ki Navami Tithi Ka Mahatva: हिंदू शास्त्र में नवरात्रि की नवमी तिथि का खास महत्व होता है। यह पूजा की अंतिम तिथि होती है। इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। इस साल यह पूजा 14 अक्टूबर दिन गुरुवार को है। ऐसी मान्यता है कि सिद्धिदात्री की पूजा करने से माता हर मनोकामना को शीघ्र पूर्ण कर देती हैं, लेकिन ज्योतिष के अनुसार के इस दिन किसी भी नए कार्य का शुभारंभ नहीं करना चाहिए। हिंदू शास्त्र में नवमी तिथि को किसी भी शुभ कार्य को करना वर्जित माना गया है। यदि आप किसी नए कार्य को करने का प्लान बना रहे है, तो नवमी तिथि की 10 खास बातों को जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।
नवमी तिथि के 10 खास बातें-
1. हिंदू शास्त्र में नवमी तिथि की स्वामिनी मां दुर्गा दुर्गा है।
2. ज्योतिष के अनुसार नवरात्रि की नवमी खाली तिथि मानी जाती है। इस स्थिति में किए गए कोई भी कार्य खाली रह जाती है अर्थात वह कार्य पूर्ण नहीं हो पाती। इसी कारण से इस दिन कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है।
3. ज्योतिषियों के अनुसार यह तिथि शून्य संज्ञक होती है। इसकी दिशा पूर्व होती है। ज्योतिषियों के अनुसार यह तिथि आक्रामकता बढ़ाने वाली होती है।
4. ज्योतिषियों के अनुसार नवरात्रि की नवमी तिथि शनिवार को सिद्धदा और गुरुवार को मृत्युदा होती हैं।
5. शास्त्रों के अनुसार नवमी तिथि दुर्गा मां की तिथि मानी जाती है। इस दिन पूजा मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति का जीवन सही तरीके से व्यतीत होता हैं। नवमी तिथि की पूजा व्यक्ति को हर क्षेत्र में विजय दिलाती है।
6. ज्योतिषियों के अनुसार नवमी तिथि के शुक्ल पक्ष में मां दुर्गा की पूजा बेहद शुभ मानी जाती है। लेकिन वही भगवान शिव की पूजन करनी अशुभ होती है। आप चाहे तो शिव शंकर की पूजा कर सकते है।
7. शास्त्रों के अनुसार जीवन के संकट और अड़चनों को दूर करने के लिए नवमी के दिन मां दुर्गा की सप्तशति का पाठ करके विधिवत समापन करना चाहिए और बाद में कन्याओं को भोज कराना चाहिए।
8. धर्म के अनुसार नवमी के दिन लौकी नहीं खाते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन लौकी खाना गौ मांस के समान माना गया है। इस दिन माता को भोग लगाने वाली चीजें जैसे- कड़ी, पूरणपौल, खीर, पूरी, साग, भजिये, हलवा, कद्दू या आलू की सब्जी बनानी चाहिए।
9. शास्त्रों के अनुसार नवमी तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति देवों का भक्त माना जाता है। ऐसे व्यक्ति भविष्य में अपनी शक्ति से विजय प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। ऐसे व्यक्ति में त्याग और समर्पण की भावना बेहद होती हैं।
10. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला तिथि के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना आंवला के वृक्ष के नीचे की जाती है। वही अश्विन माह के नवमी तिथि को मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है।
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