Palmistry: हिंदू धर्म में हस्त रेखाओं में लोग बहुत विश्वास रखते हैं। माना जाता है कि व्यक्ति के हाथ की रेखाएं उसके कर्मों के अनुसार बदलती हैं। लेकिन हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हथेली में प्रमुख रेखाओं के अलावा कई छोटी छोटी रेखाएं होती हैं जिन्हें गौण रेखाएं कहा जाता है। ऐसी सैकड़ों छोटी रेखाओं में सिर्फ एक रेखा प्रमुख होती है और इसे सुमन रेखा कहा जाता है।
अगर हस्तरेखा विज्ञान की मानें तो जिस भी व्यक्ति के हाथ में सुमन रेखा होती है वह अन्य लोगों की अपेक्षा काफी अलग होता है। सुमन रेखा के आधार पर ही व्यक्ति के भविष्य के बारे में जानकारी मिलती है। आइये जानते हैं सुमन रेखा कहां होती है और इसका क्या प्रभाव होता है।
हथेली में यहां होती है सुमन रेखा
माना जाता है कि सुमन रेखा केतु पर्वत से निकलती है। वास्तव में केतु पर्वत हथेली में शुक्र और चंद्र पर्वत को अलग करता हुआ भाग्य रेखा के समीप होता है। लेकिन सुमन रेखा का अंतिम सिरा अलग अलग हो सकता है। इसी के आधार पर पता लगाया जाता है कि व्यक्ति के लिए यह रेखा शुभ है या अशुभ। हथेली में स्थित सुमन रेखा केतु पर्वत से निकलकर बुध पर्वत की ओर जाती है। इस दौरान यदि यह स्वास्थ्य रेखा से स्पर्श हो जाए तो उस व्यक्ति को गंभीर बीमारी हो सकती है।
सुमन रेखा का प्रभाव
इस तरह से जिस जातक की हथेली में सुमन रेखाएं होती हैं वह अन्य लोगों से काफी अलग होता है। आमतौर पर ज्योतिषि सुमन रेखाओं के आधार पर ही ऐसे व्यक्तियों का भाग्यफल बताते हैं।
धर्म व अन्य विषयों की Hindi News के लिए आएं Times Now Hindi पर। हर अपडेट के लिए जुड़ें हमारे FACEBOOK पेज के साथ।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल