Papmochini Ekadashi 2021 : पापमोचनी एकादशी के दिन सूर्य भगवान के उगने से पहले व्रती स्नान करके भगवान विष्णु को विधिवत पूजा अर्चना करते है। हिंदू धर्म के अनुसार इस दिन भगवान की पूजा करने से जाने अनजाने में हुए पाप कर्मों के दुष्फल से मुक्ति मिलती है। ऐसी मान्यता है कि इस फल्हारी व्रत करने से अनेकों प्रकार के रोगों से भी मुक्ति मिलती है।
Papmochini Ekadashi vrat mein kya nahi khana chahiye
पापमोचनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन भक्त तीनों समय भगवान विष्णु की विधिवत पूजा अर्चना करते है। इस पूजा में तुलसी के पत्ते का प्रयोग बेहद लाभकारी होता है। आपको बता दें, कि इस पूजा में मांस, मदिरा, मसूर की दाल, चने व कद्दू की सब्जी और शहद का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। पापमोचनी एकादशी पर चावल नहीं खाने चाहिए।
पापमोचनी एकादशी के दिन पान भूल कर भी नहीं खाना चाहिए। पापमोचनी एकादशी के दिन कभी भी भूल कर कोई गलत काम नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु रुष्ट हो जाते हैं और उस व्यक्ति के बुरे दिन शुरू हो जाते है।
Papmochini Ekadashi rangoli
शास्त्रों के अनुसार इस दिन घर में रंगोली बनाने से भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी भी बहुत प्रसन्न होती हैं। ऐसा कहा जाता है, कि जिस घर में इस दिन रंगोली बनाई जाती है, उस घर से दरिद्रता हमेशा के लिए दूर हो जाती है। उस घर में हमेशा माता लक्ष्मी का वास होता है।
हिंदू धर्म में पापमोचनी एकादशी का बहुत बड़ा महत्व होता है। इस दिन व्रती अपने घर के दरवाजे पर भगवान विष्णु के नाम का रंगोली बनाती है। रंगोली शुभ का प्रतीक माना जाता है। यदि आप अपने किए गए पाप के कर्मों को दूर करना चाहते है, तो पाप एकादशी के दिन घर में रंगोली जरूर बनाएं। यह आपके बुरे कर्मों को दूर करने के साथ-साथ घर की दरिद्रता को भी दूर करने में मदद करेगा।
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