पारिजात को हरसिंगार भी कहते हैं। आपने पारिजात के फूल का प्रयोग जरूर किया होगा, लेकिन शायद परिजात के गुण के बारे में नहीं जानते होंगे। पारिजात का पेड़ बाग-बगीचों में पाया जाता है। इसके फूल बहुत ही मनमोहक और आकर्षक होते हैं। आमतौर पर लोग हरसिंगार के फूल को केवल पूजा-पाठ के लिए इस्तेमाल करते हैं। लोगों को यह जानकारी ही नहीं है कि पारिजात या हरसिंगार के फायदे एक-दो नहीं बल्कि बहुत सारे हैं।
वास्तु शास्त्र में पारिजात का पौधा लगाने के फायदे
पारिजात के पौधा का महत्व
सबसे पहले तो आपको ये बता दें कि पारिजात का पौधा दिखने में बेहद ही खूबसूरत होता है। पारिजात के फूल को भगवान हरि के श्रृंगार और पूजन में प्रयोग किया जाता है, यही कारण है कि इसके फूल को को हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म में इस वृक्ष का बहुत महत्व माना जाता है। यही नहीं शास्त्रों में तो पारिजात को कल्पवृक्ष भी कहा गया है। कहा जाता है कि स्वर्गलोक में इसको स्पर्श करने का अधिकार सिर्फ उर्वशी नाम की अप्सरा को था।
पारिजात को छूने मात्र से ही व्यक्ति की थकान मिट जाती है। पारिजात का वृक्ष ऊंचाई में दस से पच्चीस फीट तक का होता है। इसके इस वृक्ष की एक खास बात ये भी है कि इसमें बहुत बड़ी मात्रा में फूल लगते हैं।
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