Parivartini Ekadashi 2022: आषाढ़ मास की देवशयनी एकादशी को भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। इसके बाद कार्तिक मास की देवोत्थान एकादशी को विष्णु जी योग निद्रा से बाहर आते हैं। इसके बाद ही शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। इस बीच भगवान केवल एक बार करवट बदलते हैं। हिंदू धर्म में इसी घटना में परविर्तिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। परिवरर्तिनी एकादशी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल परिवर्तिनी एकादशी मंगलवार, 06 सितंबर को रखा जाएगा। ऐसा कहते हैं कि परिवर्तिनी एकादशी के दिन पांच काम करने से बचना चाहिए।
इन चीजों का करें परहेज-
एकादशी के दिन चावल, बैंगन, शलगम और गाजर जैसी चीजें खाने से परहेज करना चाहिए। ऐसा कहते हैं चावन में जल तत्व की मात्रा ज्यादा होती है। शरीर में जल की मात्रा बढ़ने से मन विचलित होता है।
ब्रह्मचर्या नियम-
एकादशी के दिन ब्रह्मचर्या नियमों का पालन करना चाहिए। मांस या मदिरा पान का भूलकर भी सेवन ना करें। इन चीजों के सेवन से विष्णु जी रुष्ट हो जाएंगे.
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इन कार्यों की मनाही
एकादशी के दिन बाल, दाढ़ी या नाखून काटने से बचें। इस दिन सिर या बाल धोना भी वर्जित होता है। ये सभी कार्य एकादशी के बाद या पहलें कर लें.
ये गलतियां करने से बचें
एकादशी पर झूठ ना बोलें। क्रोध ना करें। किसी का अपमान ना करें और न ही किसी को अपशब्द करें।
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सात्विक आहार का सेवन
एकादशी के दिन लहसुन, प्याज जैसी चीजें खाने से बचना चाहिए। इस दिन तामसिक भोजन से दूरी बनाएं और सात्विक भोजन का ही सेवन करें।
डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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