जलझूलनी एकादश: आज की जाएगी विष्णु के पांचवे अवतार की पूजा, पढ़ें 'परिवर्तिनी एकादशी' व्रत कथा एवं पूजन विधि

आध्यात्म
Updated Sep 08, 2019 | 12:18 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

परिवर्तिनी एकादशी के दिन ही राजा बलि ने विष्णु के वामन अवतार की पूजा की थी। वामन एकादशी के दिन उपवास रखकर पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। 

Parivartini Ekadashi
Parivartini Ekadashi   |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • यह परिवर्तिनी एकादशी भाद्रपद के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी के दिन मनायी जाती है
  • इस दिन अपने घर में पूजा स्थल की सफाई करें और स्नान करके नए वस्त्र धारण करें
  • परिवर्तिनी एकादशी के दिन दान करना बहुत फलदायी होता है इसलिए दान अवश्य करें

Parivartini Ekadashi : हिंदू धर्म में परिवर्तिनी एकादशी बहुत धूमधाम से मनायी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और गरीबों को दान दिया जाता है। माना जाता है कि परिवर्तिनी एकादशी के दिन ही राजा बलि ने भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की थी और भगवान ने राजा की मनोकामनाएं पूर्ण की थी। 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु शयन करते हुए करवट बदलते हैं। यही कारण है कि इसे परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह परिवर्तिनी एकादशी भाद्रपद के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी के दिन मनायी जाती है। इस वर्ष परिवर्तिनी एकादशी 9 सितंबर, सोमवार को पड़ रही है। इसे वामन एकादशी भी कहते हैं।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
A post shared by SKSSTHarrow (@sksstharrow) on

वामन एकादशी व्रत कथा
पुराणों के अनुसार त्रेतायुग में बलि नामक एक दानव था। वह बहुत ही दयालु, दानी एवं सत्यवादी था। वह कठिन तप और यज्ञ करके बहुत शक्तिशाली हो गया और इंद्र की गद्दी छीनने लगा। तब देवताओं ने भगवान विष्णु से गुहार लगायी। भगवान विष्णु वामन रुप धारण करके बलि के पास पहुंचे और उन्होंने बलि से तीन पग भूमि मांगी। दानी बलि ने पहले पग में भूमि और दूसरे पग में नभ ले लिया। तीसरे पग में जब कुछ नहीं बचा तब उन्होंने अपना पैर बलि के सिर पर रख दिया। इस तरह बलि पर भगवान विष्णु का अधिकार हो गया और वे उसे पाताल लोक ले गए।  वहां बलि ने भगवान विष्णु से पाताल लोक का पहरेदार बनाने की विनती की। भाद्रमास के शुक्लपक्ष की एकादशी को भगवान ने बलि की मनोकामना पूर्ण की। तभी से वामन एकादशी या परिवर्तिनी एकादशी मनायी जाती है।

वामन एकादशी पूजन विधि 

  • इस दिन अपने घर में पूजा स्थल की सफाई करें और स्नान करके नए वस्त्र धारण करें।
  • इसके बाद भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
  • धूप, घी का दीपक, अगरबत्ती, पीले फूल, एवं फल चढ़ाएं।
  • भगवान विष्णु को भोग लगाते हुए श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें एवं ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें।
  • भोग लगाने के बाद लोगों में उसे प्रसाद स्वरुप वितरित करें।
  • परिवर्तिनी एकादशी के दिन अन्न का सेवन न करें और फलाहार खाएं।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
A post shared by @durga_bhakt on

वामन एकादशी को ये चीजें करें दान

  • परिवर्तिनी एकादशी के दिन दान करना बहुत फलदायी होता है इसलिए दान अवश्य करें।
  • ब्राह्मणों को भोजन कराएं एवं अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीबों एवं दीन दुखियों को दान दें।
  • भगवान विष्णु के मंत्रों की पुस्तकों का दान करें।
  • अनाथालय जाकर बच्चों एवं बूढ़ों को फल और भोजन दान करें।
  • इसके अलावा असहायों को धन एवं रुपये पैसे और जेवर दान करें।
  • अगर आप मधुमेह से पीड़ित हैं तो गरीबों को मीठी चीजें दान करें।
  • गरीबों को मसूर की दाल एवं चीनी दान में दें।
  • दीन दुखियों को वस्त्र दान करें।

वामन एकादशी के दिन उपवास रखकर पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर में सुख समृद्धि आती है।

धर्म व अन्‍य विषयों की Hindi News के लिए आएं Times Now Hindi पर। हर अपडेट के लिए जुड़ें हमारे FACEBOOK पेज के साथ। 


 

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अगली खबर