इस साल की पहली अमावस्या 12 जनवरी दिन मंगलवार को है। अमावस्या पर देवजनों के साथ पितृजनों की पूजा का विधान होता है। पूर्णिमा पर जहां चांद एकदम गोल दिखाई देता है, वहीं अमावस्या के दिन चंद्रमा दिखाई नहीं देता है। अमावस्या को पूर्वजों का दिन माना जाता है और इस दिन उनके निमित्त तर्पण जरूर करना चाहिए। पितृ तर्पण से पूरे कुल का भला होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि अमावस्या तिथि होती है और इस दिन धार्मिक कार्य, पूजा-पाठ और मंत्र जाप आदि कर शुभ फलकारी होता है। अमावस्या पर दान-पुण्य करने से मनुष्य के बुरे कर्म कटते हैं और नकारात्मता भी दूर होती है।
अमावस्या पर क्या करें
अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर ले और इसके बाद सूर्यदेव को जल देकर देवतागणों की पूजा कर लें। वहीं, दोपहर बाद पितरों के निमित्त दक्षिण दिशा में मुख कर जल अर्पित करें और उनके नाम पर व्रत का पालन करें। अमावस्या के दिन किसी गरीब, जरूरतमंद, बेसहारा या बुजुर्ग व्यक्ति को भोजन करा कर उन्हें जरूरत की चीजें दान करें। ऐसा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। इस दिन मांस-मदिरा और तामसिक भोजन बिलकुल न करें क्योंकि, ऐसा करने से पितृदोष लगता है।
अमावस्या का महत्व
हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व होता है और इस दिन यदि दान, पूजा-पाठ के साथ पितरों की पूजा की जाए तो मनुष्य के जीवन में सौभाग्य का वास होता है। यदि किसी को पितृदोष या पितृ ऋण हो तो उसे इस दिन जरूर पितरों का तर्पण करना चाहिए। इस तिथि पर पितरों को खुश करने के लिए श्राद्ध कर्म करना पूरे कुल को लाभ देता है।
2021 में कब और किस तारीख को पड़ेगी अमावस्या
1. दर्श अमावस्या 12 जनवरी 2021 दिन मंगलवार
2. पौष अमावस्या 13 जनवरी 2021 दिन बुधवार
3. माघ अमावस्या 11 फरवरी 2021 दिन गुरुवार
4. फाल्गुनी अमावस्या 13 मार्च 2021 दिन शनवार
5. दर्श अमावस्या 11 अप्रैल 2021 दिन रविवार
6. चैत्र अमावस्या 12 अप्रैल 2021 दिन सोमवार
7. वैशाख अमावस्या 11 मई 2021 दिन मंगलवार
8. ज्येष्ठ अमावस्या 10 जून 2021 दिन गुरुवार
9. आषाढ़ अमावस्या 9 जुलाई 2021 दिन शुक्रवार
10. श्रावण अमावस्या 8 अगस्त 2021 दिन रविवार
11. भाद्रपद अमावस्या 07 सितंबर 2021 दिन मंगलवार
12. आश्विन अमावस्या 06 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार
13. कार्तिक अमावस्या 04 नवंबर 2021 दिन गुरुवार
14. मार्गशीर्ष अमावस्या 04 दिसंबर 2021 दिन शनिवार
दर्श अमावस्या पर रखना चाहिए व्रत
यदि आप अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाते या आप मानसिक रूप से बहुत परेशान रहते हैं तो इस दिन चंद्रदेव के निमित्त दर्श अमावास्या का व्रत जरूर करना चाहिए। चंद्रदेव भावनाओं और दिव्य अनुग्रह के स्वामी हैं और इस दिन उनके लिए व्रत करने से मनुष्य का आत्मबल मजबूत होता है और वो अपनी भावनाओं पर काबू रख पाता है। पुराणों के अनुसार अमावस्या के दिन स्नान-दान करने की परंपरा है। इस दिन गंगा-स्नान का विशिष्ट महत्व माना गया है, लेकिन यदि आप गंगा स्नान न कर सकें तो स्नान के जल में गंगाजल की कुछ बूंद जरूर मिला लें। साथ ही इस दिन शिव-पार्वती और तुलसी पूजा भी करें।
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