Pongal 2022 Date, Time, Puja Muhurat in India : पोंगल भारत मनाया जाने वाला है। यह पर्व कृषि से संबंधित है। दक्षिण भारत में यह पर्व 4 दिनों तक धूमधाम से मनाया जाता हैं। मकर संक्रांति के दिन से ही यह पर्व प्रारंभ हो जाता है। इस दिन ही गन्ना और धान की फसल पककर फसल तैयार होती हैं। फसल को तैयार देखकर किसान खुश होकर इंद्र देव, सूर्य देव और गाय, बैल की पूजा करते हैं। क्या आपको पता है 4 दिनों तक पोंगल को किन-किन नामों से मनाया जाता है? अगर नहीं, तो यहां आप इनसे संबंधित कई तरह की जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
1. भोगी पोंगल
पोंगल के पहले दिन भोगी पोंगल मनाया जाता है। इस दिन भगवान इंद्र देवता की पूजा अर्चना की जाती है। भोगी पोंगल के दिन चंदन के लेप से सूर्य एवं पृथ्वी की विधिवत तरीके से पूजा की जाती हैं। शास्त्र के अनुसार इस दिन पुरानी वस्तुओं को उपले में जलाकर उसकी जगह नहीं वस्तुओं को लाया जाता हैं। घर की नकारात्मक शक्तियों और बुराई को दूर करने के लिए यह दिन अच्छा माना जाता हैं।
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2. सूर्य पोंगल
भारत में सूर्य पोंगल को थाई पोंगल के नाम से भी जाना जाता हैं। इस बार यह पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। शास्त्र के अनुसार यह दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। इस दिन लोग भगवान सूर्य की पूजा अर्चना कर नई फसल में उर्जा प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं। सूर्य पोंगल के दिन नई चावल से खीर बनाकर सूर्य देवता को भोग लगाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन से ही ठंड में कमी आनी शुरू हो जाती है।
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3. मट्टू पोंगल
पोंगल के तीसरे दिन को मट्टू पोंगल कहते हैं। इस दिन शिव जी के वाहन नंदी के प्रति यानी बैल की पूजा की जाती है। इस दिन किसान अपने बैलों की पूजा कर चावल की फसल अच्छी होने की कामना करते हैं।
4. कात्या पोंगल
पोंगल के आखिरी दिन को कात्या पोंगल कहते है। इस दिन परिवार के सभी सदस्य एक साथ घर में भोजन बनाकर खाते हैं। तमिलनाडु के कुछ गांवों में इस दिन किसान 7 कुंवारी कन्याओं की पूजा अर्चना करते हैं।
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