AstrologyTips: हमारे देश में अधिकतर लोग पूजा पाठ करते वक्त धातु के बर्तन के बजाय स्टील के बर्तन का उपयोग ज्यादातर करते है। धर्म के अनुसार पूजा पाठ में स्टील के बर्तन का उपयोग करना शुभ नहीं माना जाता है। हिंदू धर्म में धातु के बर्तन से किसी देवी देवता का पूजा करना व्यक्ति के लिए लाभकारी होता है। शास्त्रों के अनुसार पूजा पाठ में उपयोग किए जाने वाले अलग-अलग प्रकार के धातु व्यक्ति को अलग-अलग प्रकार के फल देने का काम करते हैं। जानकारों के अनुसार पीतल, तांबा के बर्तन का इस्तेमाल पूजा पाठ में करने से सभी काम शुभ होते हैं।
पूजा में क्या रहेगा लाभकारी
वही स्टील लोहा या अल्मुनियम के बर्तन का इस्तेमाल पूजा पाठ में करने से अशुभ होता है। इतना ही नहीं धातु की मूर्ति भी पूजा के लिए शुभ नहीं मानी जाती है। धातु पूजा-पाठ के लिए बेहद शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार पूजा पाठ में सोना, चांदी, पीतल और तांबा के बर्तन का उपयोग बेहद लाभकारी माना जाता हैं। धर्म के अनुसार ऐसे बर्तनों से जलाभिषेक करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
स्टील का प्रयोग क्यों नहीं करें
जानकारों के मुताबिक स्टील का बर्तन पूजा पाठ में इस्तेमाल करने से वह जल्दी खराब हो जाता है। उसमें जंग लगने की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाए, तो धातु से जलाभिषेक करना बेहद लाभकारी होता है। मान्यताओं के अनुसार धातु के बर्तन से पूजा पाठ करने से भगवान बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। उनकी प्रसन्नता मिलने पर व्यक्ति सुखी जीवन व्यतीत करता है।
उसके जीवन में किसी प्रकार की विघ्न-बाधाएं उत्पन्न नहीं होती है। यदि आप अपने इष्ट देवता को प्रसन्न करने के लिए स्टील का बर्तन इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इसे आज ही रोक दें। उसकी जगह पीतल तांबा या सोना, चांदी जैसे धातुओं का इस्तेमाल करें। यह आपके घर में सुख वैभव बढ़ाने के साथ-साथ आपके इष्ट देवता को प्रसन्न करने में मदद कर सकता है।
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