Pukhraj Stone: ग्रह जब अपनी चाल बदलते हैं, तो इसका प्रभाव मनुष्य के जीवन में पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में नव ग्रहों के बारे में बताया गया है। इन सभी का मनुष्य के जीवन पर प्रभाव रहता है। ये अलग-अलग फल भी मनुष्य के जीवन मे प्रदान करते हैं। ज्योतिष में रत्न सभी ग्रहों के हिसाब से बताए गए हैं। राशि और ग्रह के अनुसार रत्न धारण करने से ग्रहों को अनुकूल किया जा सकता है, साथ ही मानव जीवन मे आने वाली समस्याओं को कम किया जा सकता है। रत्न धारण करने से जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता के मार्ग भी प्रशस्त होते हैं। इन्हीं रत्नों में से एक है 'पुखराज रत्न'। पीले रंग का ये रत्न बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति अनुकूल ना हो, उनके लिए पुखराज बहुत ही शुभ फल दाई माना जाता है। इसे धारण करने से विवाह धन-संपत्ति और मान-सम्मान में उचित फल प्राप्त होता है।
मिथुन, कन्या, वृषभ राशि के जातकों के लिए पुखराज रत्न पहनना शुभ होता है। धनु व मीन राशि वालों की भाग्यवृद्धि के लिए यह रत्न बहुत उपयोगी माना गया है। साथ ही वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर व कुम्भ लग्न वाले लोगों को पुखराज नहीं पहनना चाहिए। रत्न को राशि के अनुसार पहनना ही उत्तम माना गया है। पुखराज को हमेशा कुंडली में बृहस्पति की स्थिति के अनुसार ही धारण करना चाहिए।
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पुखराज बृहस्पति ग्रह का रत्न होता है इसलिए यह रत्न धारण करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। बृहस्पति की प्रतिकूल स्थिति के कारण जिनके विवाह में रुकावटे आ रही हैंं, उनके लिए पुखराज धारण करना फायदेमंद रहता है। इस रत्न को धारण करने से कमजोर पाचन में भी फायदा मिलता है। इसके अलावा आध्यात्मिक वा धार्मिक विषयों में रुचि रखने वालों के लिए भी पुखराज फायदेमंद रहता है।
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पुखराज को हमेशा स्वर्ण धातु में पहनना चाहिए। रत्न के वजन का ध्यान रखना भी बेहद आवश्यक होता है। कम से कम सात कैरेट के पुखराज को सोने की अंगूठी में धारण करना चाहिए। इस ब्रहस्पति के रत्न को बृहस्पतिवार के दिन और पुष्य नक्षत्र में धारण करना शुभ रहता है। पुखराज रत्न की पंचामृत यानी गंगाजल, घी, दूध, शहद, शक्कर में स्नान करा कर फिर हल्दी व पीले पुष्प अर्पित कर ' ऊं ब्रह्म ब्र्हस्पतये नमः' मंत्र को 108 बार बोलते हुए बृहस्पतिदेव का ध्यान करते हुए , पुखराज को तर्जनी उंगली में धारण कर लेना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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