चाणक्य नीति के अनुसार अच्छे गुण अपनाने से सफलता प्राप्त होती है। लेकिन व्यक्ति अवगुणों को अपनाकर संघर्ष की राह अपनाता है। व्यक्ति को सदैव श्रेष्ठ अपनाने चाहिए। श्रेष्ठ गुण अपनाने से व्यक्ति बड़ा और महान बनता है। महान का रास्ता कठिन हो सकता है लेकिन असंभव नहीं। व्यक्ति को अच्छे गुणों को अपनाने के लिए गंभीर रहना चाहिए। चाणक्य का कहना है की व्यक्ति को जीवन में सफलता अच्छे गुण की दिलाते हैं। चाणक्य के अनुसार इन गुणों को अपनाकर प्रयास करना चाहिए और अपने अंदर विकसित करना चाहिए। उसकी प्रशंसा शत्रु भी करते हैं। आइए जानते हैं इन तीन गुणों के बारे में।
सत्य को अपनाएं
हर परिस्थिति में व्यक्ति को सच बोलना चाहिए। सच बोलने से व्यक्ति सभी का लोकप्रिय होता है और लोग समझौता करने को भी तैयार रहते हैं। सच बोलने से मन की शांति भी बनी रहती है साथ ही रास्ता कम कठिन लगता है। जब इन गुणों के बारे में शत्रु को पता चलता है तो वह उसकी सराहना करता है।
साहसी बनें
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को साहसी होना चाहिए। साहसी व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में जुट जाता है साथ ही उसे सफलता भी मिलती है। व्यक्ति जब साहसी होता है और विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की पूरी कोशिश करता है तो ऐसे में शत्रु भी उसकी प्रशंसा करता है।
लोभ से दूर रहे
चाणक्य के अनुसार लोभ यानी लालच व्यक्ति को सबसे बड़ा दुश्मन है। लालच में आकर व्यक्ति कुछ भी कर बैठता है और पछतावा उसको बेहद बाद में होता है और ऐसे में वह हर चीज खो बैठता है। इसलिए व्यक्ति को लालच से दूर रहना चाहिए क्योंकि लालच उन्हें स्वार्थी बना सकता है। लालच से दूर रहकर ही आप असली जीवन का आनंद ले पाएंगे। इसलिए लालच से दूर रहकर अपने लक्ष्य पर ध्यान दें। ऐसे लोगों की हर कोई तारीफ करता है।
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