वृंदावन के इस कुंड में स्नान करने से भर जाती है सूनी गोद, राधा-कृष्ण ने खुद किया था इसका निर्माण 

आध्यात्म
Updated May 20, 2019 | 08:36 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

माना जाता है कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी यानि अहोई अष्टमी की मध्य रात्रि राधा कृष्ण कुंड में स्नान करने से सूनी गोद भर जाती है। इस दिन यहां स्नान करने के लिए भारी संख्या में लोग आते हैं।

Radha Kund And Krishna Kund Mathura
Radha Kund And Krishna Kund Mathura  |  तस्वीर साभार: Instagram

Radha Kund, Krishna Kund: आमतौर पर निःसंतान दंपत्ति संतान सुख पाने के लिए हर संभव उपाय करते हैं। वे दवताओं के साथ ही हर तरह की चमत्कारित शक्तियों में भी विश्वास करते हैं और किसी भी तरह अपनी सूनी गोद को भरना चाहते हैं। आपको जानकर आश्यर्च होगा कि भारत में एक ऐसा कुंड है जिसमें स्नान करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। 

उत्तर प्रदेश के मथुरा में अरिता नामक गांव में दो सरोवर स्थित है जिन्हें राधा कुंड और कृष्ण कुंड के नाम से जाना जाता है। इस चमत्कारित कुंड में स्नान करने से संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी हो जाती है।

यह है मान्यता
माना जाता है कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी यानि अहोई अष्टमी की मध्य रात्रि राधा कृष्ण कुंड में स्नान करने से सूनी गोद भर जाती है। मान्यता है कि अहोई अष्टमी के दिन ही इन कुंडों का निर्माण किया गया था इसलिए अहोई अष्टमी पर राधा कृष्ण कुंड में स्नान करने का विशेष महत्व है। इस दिन यहां स्नान करने के लिए भारी संख्या में लोग आते हैं।

राधा कृष्ण कुंड से जुड़ी कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार कृष्ण के मामा कंस ने उन्हें मारने के लिए अरिष्टासुर राक्षस को भेजा था। वह राक्षस बछड़े के वेश में कृष्ण के गायों में शामिल हो गया और ग्वाल बालों को मारने लगा। भगवान कृष्ण ने जल्द ही उस राक्षस को पहचान लिया और उसका वध कर दिया। तब राधा ने गौहत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए कृष्ण को सभी तीर्थों का दर्शन करने के लिए कहा। जब श्रीकृष्ण ने नारद मुनि से इसका उपाय पूछा तब नारद ने उन्हें सभी तीर्थों का आह्वान करके जल इकट्ठा करने के लिए कहा। नारद के कहने पर भगवान कृष्ण ने एक कुंड में सभी तीर्थों का जल इकट्ठा किया और फिर इसमें स्नान करके गौ हत्या के पास से मुक्त हो गए। तभी से इस कुंड को राधा कृष्ण कुंड के नाम से जाना जाता है।

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