मुस्लिम कैलेंडर के मुताबिक नौवें महीने को पाक महीना माना जाता है जब पूरी दुनिया के मुसलमान पूरे महीने भर उपवास रखते हैं। उनके महीने भर के उपवास को इस्लाम में रोजा कहा जाता है। मुस्लिम कैलेंडर चंद्रमा की स्थिति के अनुसार चलता है और हर साल रमजान या रमादान की तारीख चंद्रमा की स्थिति बदलने के अनुसार ही बदलती है। पूरी दुनिया के मुस्लिम इस दौरान गरीबों और जरूरतमंदों को खाना खिलाते हैं। बता दें कि हर साल चांद के दीदार के साथ शुरू होने वाले माह-ए-रमजान की शुरुआत इस साल 25 अप्रैल से हो रही है।
इस पूरे महीने हर रोज वे रोजा रखते हैं यानि पूरे दिन का उपवास रखते हैं, उनका मानना है कि ऐसा करने से उनमें भूख, पीड़ा व दर्द सहने की शक्ति आती है और वे इस तरह से अपने अल्लाह या ईश्वर के और करीब जा पाते हैं। मुस्लिमों के लिए रोजा बेहद मायने रखता है क्योंकि इस्लाम धर्म में मान्यता है कि ऐसा करने से पिछले सारे पाप अल्लाह माफ कर देता है। रोजा के दौरान कई सख्त नियम का पालन करना पड़ता है जानते हैं क्या हैं वे नियम-
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल