मुंबई. रामायण में रावण की पत्नी मंदोदरी का अक्सर जिक्र किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रावण के भाई कुंभकर्ण की पत्नी का क्या नाम था? कुंभकर्ण परमपिता ब्रह्मा के वरदान से छह महीने तक सोया करता था।
रामायण के अनुसार रावण ने दैत्यपति विरोचन की दौहित्री वज्र ज्वाला से अपने भाई कुम्भकर्ण का विवाह किया था। वज्रज्वाला महाबली बाली की पुत्री थी। बाली विरोचन का पुत्र था।
वामन अवतार में भगवान विष्णु ने बाली से जब तीन पग भूमि दान में मांगी थी। उस वक्त वज्रज्वाला वहां मौजूद थीं। वज्रज्वला अपने पति कुंभकर्ण के साथ रावण की प्रयोगशाला में तरह-तरह के अस्त्र-शस्त्र और यंत्र बनाती थीं।
ये थीं दूसरी पत्नी
कुंभकर्ण की दूसरी पत्नी का नाम कर्कटी था। कर्कटी एक राक्षसी थीं और सैयाद्री की राजकुमारी थीं। इसके अलावा कुंभपुर के महोदर नामक राजा की कन्या तडित्माला से भी कुंभकर्ण का विवाह हुआ।
कुंभकर्ण को सभी वेदों और धर्म-अधर्म का ज्ञान था। यही नहीं, उसे भूत और भविष्य का भी ज्ञान था। भले ही वह राक्षस प्रजाति से था पर वह एक महान योद्धा था। देवराज इंद्र से युद्ध के दौरान उसने ऐरावत हाथी के दांत को तोड़कर उससे इंद्र पर प्रहार किया था।
ये थे कुंभकर्ण के पुत्र
वज्रज्वाला से कुंभकर्ण के दो पुत्र हुए थे। इन दो पुत्रों का नाम था- कुंभ और निकुंभ। ये दोनों ही भगवान राम और वानर सेना के खिलाफ युद्ध में लड़े थे और वीरगति को प्राप्त हुए थे।
कुंभकर्ण के एक पुत्र का नाम मूलकासुर था, जिसका वध माता सीता ने किया था। दूसरे का नाम भीम था। कहते हैं कि भीम के कारण ही भीमाशंकर नामक ज्योतिर्लिंग की स्थापना हुई थी।
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