लंबे इंतजार के बाद राम नगरी अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास हो रहा है। बता दें कि रामायण में राम जी की जन्म स्थली इसे माना गया है। इस मौके पर रावण की जन्म नगरी यानी बिसरख में भी उत्सव मनाया जाएगा। बता दें कि ग्रेटर नोएडा में स्थित बिसरख को रावण का जन्म स्थान माना जाता है। बिसरख क्षेत्र में बना मंदिर लंका के राजा रावण को समर्पित है, जिसका भगवान राम ने वध किया था।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार यानी 5 अगस्त की दोपहर को अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे। इस मौके पर राक्षसराज रावण का मंदिर भी जय श्री राम के जयकारों से गूंज उठेगा। रावण मंदिर के पुजारी महंत रामदास ने बताया है कि हम अयोध्या में भूमि पूजन समारोह संपन्न होने के बाद मिठाई भी वितरित करेंगे।
जुड़ा है राम और रावण का अस्तित्व
महंत रामदास ने कहा - यदि रावण नहीं होता, तो कोई राम नहीं होता और भगवान राम ने अवतार न लिया होता तो किसी को भी रावण के बारे में कुछ पता नहीं चलता। ये दोनों अस्तित्व एक तरह से आपस में जुड़े हुए हैं।
महंत रामदास ने ये भी बताया कि रात में भी यह मंदिर बंद नहीं होता है। यहां आने वाले भक्त भगवान शिव, कुबेर और यहां तक कि रावण की पूजा भी करते हैं। यहां आने वाले लगभग 20 फीसदी भक्त रावण की पूजा करते हैं।
स्थानीय लोककथाओं के अनुसार, बिसरख रावण का जन्म स्थान है। बिसरख के इस मंदिर में भगवान शिव, पार्वती और कुबेर की मूर्तियां भी हैं।
कैसा होगा अयोध्या का राम मंदिर
अयोध्या में बनने वाला भव्य राम मंदिर पांच मंजिला होगा और इसका शिखर 161 फीट ऊंचा होगा। यह मंदिर परिसर 57 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा और इसमें 360 खंभे लगाए जाएंगे। खास बात ये है कि त्रेता युग को एक बार फिर से दर्शाने के लिए मंदिर के सभी भवन पीले रंग के होंगे। इससे बनने में अभी तीन साल का वक्त लगेगा। इसमें करीब दो लाख ईंटें लगेंगी। मंदिर की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 22.6 किलोग्राम की एक चांदी की ईंट के साथ रखी है।
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