गायत्री मंत्र को सफलता दिलाने वाला मंत्र माना गया है। इस मंत्र का जाप करने भर से कई कष्टों से इंसान को मुक्ति मिल जाती है। स्टूडेंट्स के लिए गायत्री मंत्र का जाप बहुत जरूरी माना गया है। ये मंत्र एकाग्रता बढ़ाने वाला होता है। कहते हैं कि सच्चे और निर्मल मन से किया गया गायत्री मंत्र का जाप कई रोगों से मुक्त करने के साथ कल्याण करने वाला होता है। इसके जाप से शारीरिक ही नहीं मानसिक कष्ट भी दूर हो जाते हैं।
बस इस मंत्र का सही विधि, समय और नियम से करना जरूरी होता है। नियम और विधि से किया गया जाप जीवन में खुशहाली लाता है। मनोकानाओं की पूर्ति, नौकरी के संकट, पढ़ने-लिखने में एकाग्रता के साथ मानसिक कष्ट को दूर करने के लिए गायत्री मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। तो आइए आज इसके नियम और विधि को जानें ताकि इसका पूरा लाभ मिल सके।
जानिए गायत्री मंत्र और जाप का समय
गायत्री मंत्र को लयबद्ध तरीके से जपना चाहिए। उसका उच्चारण सही हो यह ध्यान दें। साथ ही तीन प्रहर गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।
।।ऊँ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
पहला समय : सूर्योदय से पूर्व गायत्री मंत्र का जाप प्रारंभ करें और तब तक करें जब तक सूर्योदय हो न जाएं। ये सबसे उत्तम समय होता है।
दूसरा समय : दोपहर में भी गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं। इस वक्त जाप 12 से 1 के बीच में ही करना चाहिए।
तीसरा समय : शाम को गायत्री मंत्र का जाप सूर्यास्त से पहले शुरू करें और तब तक करें जब तक सूर्यास्थ न हो जाए।
जानिए किस तरह करना चाहिए गायत्री मंत्र का जाप
गायत्री मंत्र पढ़ने का लाभ
ब्रह्म मुहूर्त में पूर्व दिशा की ओर मुख करके गायत्री मंत्र का जाप करें और शाम को पश्चिम दिशा में मुख कर जाप करना चाहिए।
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