क्‍या है केरल के सबरीमाला मंदिर की खासियत, महिलाओं के प्रवेश पर क्यों था प्रतिबंध

आध्यात्म
Updated Oct 01, 2018 | 11:06 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 वर्ष से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दी है। इस मंदिर की कुछ खासा बातें हैं जिनके बारे में आज हम जानेंगे। 

Sabarimala Ayyappa Temple intresting facts
Sabarimala Ayyappa Temple  |  तस्वीर साभार: Instagram

Sabarimala Ayyappa Temple: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में 10 वर्ष से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटा लिया। इस मंदिर में 1500 वर्षों से महिलाओं का प्रवेश वर्जित था और पिछले कई सालों से यह मामला कोर्ट में लटका पड़ा था। 

कुछ दिनों पहले ही सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने सबरीमाला मंदिर मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि महिलाओं के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए और अब उन्हें मंदिर में जाने से नहीं रोका जाएगा। आइये जानते हैं इस मंदिर के बारे से जुड़ी कुछ खासियत के बारे में...

महिलाओं के प्रवेश पर क्यों था प्रतिबंध
केरल का सबरीमाला मंदिर भगवान अयप्पा का मंदिर है। माना जाता है कि भगवान अयप्पा अविवाहित थे और महिलाओं से दूर रहते थे। जिस कारण इस मंदिर में 1500 सालों से महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित था। लोगों का मानना है कि 10 से 50 वर्ष की महिलाओं को हर महीने मासिक धर्म होता है और इस दौरान उन्हें अपवित्र माना जाता है, जिसके कारण वे मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती।


 
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मंदिर में प्रवेश के लिए ये हैं नियम
मंदिर की प्राचीन मान्यताओं के अनुसार सबरीमाला मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश के नियम बहुत कठिन हैं। इस मंदिर में प्रवेश करने के लिए श्रद्धालु को कम से कम 41 दिनों का उपवास रखना बेहद जरूरी होता है। लेकिन महिलाओं का मासिक धर्म चक्र 28 दिन का होता है और उन्हें हर महीने पीरियड्स आने के कारण वे 41 दिनों का उपवास नहीं रख सकती हैं जिसके कारण वे अपवित्र हो जाती हैं और मंदिर में आने के योग्य नहीं होती हैं। लेकिन शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया और उन्‍हें मंदिर में जानें की इजाजत दे दी, जिसके चलते अब महिलाएं बिना रोक-टोंक के पूजा-अर्चना में हिस्‍सा ले सकती हैं। 

 
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क्या है मंदिर की खासियत
माना जाता है कि सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं को 18 पवित्र सीढि़यां चढ़नी पड़ती हैं और नियम के अनुसार 41 दिनों का व्रत रखे बिना  इन सीढ़ियों को चढ़ने की पवित्रता का पालन नहीं किया जा सकता है। यह मंदिर सिर्फ नवंबर से जनवरी तक खुला रहता है और इसके बाद बंद हो जाता है इसलिए इस मंदिर में आने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है।

 
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सबरीमाला मंदिर में आने वाले तीर्थयात्री काले या नीले रंग के कपड़े पहनते हैं और जब तक उनकी यात्रा पूरी न हो जाए तब तक वे यह कपड़ा उतार नहीं सकते हैं। इसके अलावा यात्रा पूरी होने तक उन्हें अपने माथे पर चंदन का लेप लगाए रखना जरूरी होता है।

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